ओडिशा के केंद्रापाड़ा जिला के बलभद्रपुर गांव के रहने वाले सरोज पेशे से एक शिक्षक हैं. सरोज की कभी भी यह इच्छा नहीं रही कि उसकी शादी में पटाखे जले, फूलों से मंच सजाया जाए. वहा साधारण तरीके से अपनी शादी करना चाहते थे.
शादी की जब बात चल रही थी तब उस समय सरोज ने सिर्फ एक शर्त रखी. उन्होंने लड़की वालों से उपहार स्वरूप 1000 पौधे देने की मांग रखी.
सरोज बिस्वाल ‘गाछा टाइ साथी टाई (पेड़ एक साथी है)’ के सदस्य भी हैं. यह संस्था लोगों को पौधे लगाने के लिए जागरूक करता है. इसके लिए उनकी मंगेतर रश्मिरेखा का भी सहयोग मिला. रश्मि भी पेशे से एक शिक्षक हैं.
22 जून को जब सरोज और रश्मिरेखा की शादी हुई, तब उनके ससुराल वाले समारोह स्थल पर एक ट्रक पौधे लेकर पहुंचे, जिसमें अधिकांश फल के पौधे थे.
शादी की रस्में पूरी करने के बाद सरोज ने समय निकालकर शादी में शामिल हुए गांव के लोगों के बीच पौधे बांटे. रिश्तेदारों को भी रिटर्न गिफ्ट के तौर पर पौधे दिए गए.
सरोज ने बताया, ‘मैं किसी भी रूप में दिए जाने वाले दहेज के खिलाफ हूं. मैं पेड़ बचाने का संदेश समाज को देना चाहता हूं. शादी से बेहतर मौका और क्या हो सकता है, जब मैं गांव वालों और रिश्तेदारों से पेड़ लगाने का संदेश दूं.’
साथ ही उन्होंने कहा कि हम दोनों शिक्षक हैं. हमारे इस कदम से स्कूल के छात्र भी काफी प्रेरित होंगे. सरेज ने कहा कि लोगों को समजा को पेड़ लगाने के लिए संदेश देना चाहिए. इससे पर्यावरण की रक्षा होगी.
Bureau Report
Leave a Reply