नईदिल्ली: दिल्ली में सुनंदा पुष्कर की होटल में मौत के मामले में उनके पति एवं कांग्रेस सांसद शशि थरूर की जमानत मंजूर कर ली. अदालत ने उन्हें नियमित बेल दी है. उन पर आरोप है कि उन्होंने सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाया. उन्हें आरोपी के तौर पर तलब किया गया था. उन्होंने गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए पहले ही अग्रिम जमानत ले ली थी. 17 जुलाई 2014 को दिल्ली के एक आलीशान होटल के कमरे में मृत मिली थीं. दंपति उस समय होटल में ठहरा हुआ था क्योंकि उनके सरकारी बंगले की मरम्मत हो रही थी. सुनवाई के दौरान शशि थरूर के वकील ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका का विरोध किया. स्वामी ने याचिका में मांग की थी कि वह केस में अभियोजन पक्ष की मदद करेंगे. अब मामले की सुनवाई 26 जुलाई को होगी.
दो दिन पहले अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई में अदालत ने कहा था कि अभियोजन पक्ष की इन आशंकाओं का कोई आधार नहीं है कि थरूर विदेश भाग जाएंगे या गवाहों को प्रभावित करेंगे. अदालत ने ध्यान दिलाया कि जांच एजेंसी ने थरूर को गिरफ्तार नहीं किया और जब भी पुलिस ने जांच के लिए उन्हें तलब किया तो उन्होंने सहयोग दिया. उसने यह भी ध्यान दिलाया कि थरूर ने कभी न्याय तंत्र से बचने अथवा अन्य देश में बस जाने का प्रयास नहीं किया.
अदालत ने अपने सात पृष्ठों के आदेश में ध्यान दिलाया कि थरूर लोकसभा के सदस्य हैं तथा संप्रग शासन के दौरान विदेश राज्य मंत्री थे. थरूर ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि मामले में आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है और एसआईटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जांच पूरी हो गयी है और हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है.
अदालत ने पांच जून को थरूर को समन जारी कर उन्हें सात जुलाई को पेश होने को कहा था और माना था कि उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के पर्याप्त आधार हैं. थरूर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए (पति या रिश्तेदार द्वारा महिला को प्रताड़ना) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत आरोप लगाये गये हैं. इस मामले में हालांकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया.
Bureau Report
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