लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल में बाहरी लोगों के नमाज अदा करने की इजाजत मांगने वाली याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर सुनवाई की जरूरत ही नहीं है. याचिका में कहा गया था कि ताजमहल में आगरा के आम लोगों को जुम्मे के दिन नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है. फिलहाल ताजमहल में स्थानीय लोग नमाज अदा करते हैं.
मालूम हो कि पिछले कुछ समय से ताजमहल को लेकर नेताओं के कई तरह के बयान आ रहे हैं. बीजेपी और हिन्दू संगठन से जुड़े नेता ताजमहल को शिव मंदिर बता रहे हैं, वहीं मुस्लिम पक्ष इसका विरोध कर रहे हैं.
विवादों के बीच उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह ताजमहल के स्वामित्व का दावा नहीं करेगा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील ए.डी.एन राव को निर्देश लेने के लिए कहते हुए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि बोर्ड द्वारा एक बार स्मारक पर अपने अधिकार का दावा करने के बाद इस मुद्दे पर निर्णय करना होगा.
पीठ ने कहा, “आप ने एक बार स्मारक को यदि वक्फ की संपत्ति के रूप में पंजीकृत करा दिया तो आपका बयान कि आप दावा नहीं करेंगे, मदद नहीं करेगा.”
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को करने का निर्देश दिया.
इससे पहले की सुनवाई में 11 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने वक्फ बोर्ड से मुगल शासक शाहजहां के हस्ताक्षर वाला दस्तावेज अपने दावे के समर्थन में पेश करने को कहा था.
Bureau Report
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