नईदिल्ली: ऐसे मौके बहुत कम आते हैं जब आम आदमी पार्टी और बीजेपी के नेता एक दूसरे की बात का समर्थन करते हुए दिखें, लेकिन उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का एक ट्वीट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इतना पसंद आया कि उन्होंने उसे रि-ट्वीट करते हुए पूछा कि क्या दिल्ली में भी मौर्य के प्रस्ताव को लागू किया जाएगा.
दरअसल केशव प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश के संदर्भ में एक ट्वीट करके कहा कि जनता के प्रति जवाबदेही जनप्रतिनिधियों की है और यदि किसी अधिकारी ने जनप्रतिनिधियों की अवहेलना की तो कार्रवाई होगी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘विकास कार्य का फैसला माननीय सांसदों विधायकों के प्रस्ताव पर ही किया जाएगा. किसी अधिकारी ने जनप्रतिनिधियों की अवहेलना करके प्रस्ताव भेजा तो कार्रवाई होगी. जनता के प्रति जवाबदेही जनप्रतिनिधियों की है. मैं एक विधायक सांसद के रूप में पहले, डिप्टी सीएम के नाते बाद सोचता हूं.’
उत्तर प्रदेश के संदर्भ में कही गई ये बात इस समय दिल्ली के लिए अधिक प्रासंगिक है, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार लगातार उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ टकराव की स्थिति में हैं. दिल्ली सरकार की शिकायत है कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं. सोमवार को ही उपराज्यपाल ने तीन अधिकारियों के ट्रांसफर किए, जिसके बाद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने बैजल पर ‘दादागिरी’ का आरोप लगाया. आम आदमी पार्टी की शिकायत है कि चूंकि अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल के पास है, इसलिए अधिकारी उनके जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनते हैं.
ऐसे में जब आज मौर्य का ट्वीट आया तो अरविंद केजरीवाल ने तुरंत इसे रि-ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘क्या भाजपा दिल्ली में ये लागू करेगी?’ उन्होंने आगे लिखा, ‘SC में हारने के बाद भाजपा के LG गुंडागर्दी से अफ़सरशाही पर नाजायज़ क़ब्ज़ा करके बैठ गए. अफ़सरों को दिल्ली सरकार के आदेशों को ना मानने और खुले आम सरकारी आदेशों का पालन ना करने के लिये कहा जा रहा है.’
जाहिर तौर पर केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट से केजरीवाल को अपनी बात के पक्ष में एक तगड़ी दलील मिल गई है. ये अलग बात है कि केशव प्रसाद मौर्य ने बिल्कुल अलग संदर्भ में ट्वीट किया था और उन्होंने ये कतई नहीं सोचा होगा कि उत्तर प्रदेश के बारे में किए गए उनके ट्वीट को केजरीवाल दिल्ली से जोड़कर अपना निशाना साध लेंगे.
Bureau Report
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