सियोल: उत्तर कोरिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर अमेरिका अपने परमाणु खतरे को पहले समाप्त नहीं करता है तो उत्तर कोरिया एकतरफा अपना परमाणु निरस्त्रीकरण नहीं करेगा. सरकारी कोरियन सेन्ट्रल न्यूज एजेंसी के माध्यम से यह बयान ऐसे वक्त आया है जब परमाणु निरस्त्रीकरण प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने के संबंध में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बातचीत में गतिरोध की स्थिति बनी हुई है.
बृहस्पतिवार को जारी बयान में उत्तर कोरिया ने परमाणु निरस्त्रीकरण पर अपना पुराना रुख दोहराया और वाशिंगटन पर सिंगापुर में हुए समझौते के संबंध में सभी को गुमराह करने का आरोप लगाया. बयान में कहा गया है कि अमेरिका अब कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के अर्थ को सही तरीके से समझे और वह तुरंत यहां का भूगोल पढ़े.
इसमें कहा गया है कि जब हम कोरियाई प्रायद्वीप की बात करते हैं तो इसमें हमारे गणतंत्र के अलावा पूरा क्षेत्र (दक्षिण कोरिया भी) शामिल होता है जहां अमेरिका ने अपने परमाणु हथियार सहित सेना तैनात कर रखी है. जब हम कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण की बात करते हैं तो उसमें सभी प्रकार के परमाणु खतरे को समाप्त करने की बात होती है. उसमें बात सिर्फ दक्षिण या उत्तर कोरिया की नहीं, बल्कि कोरियाई प्रायद्वीप के आसपास के क्षेत्रों की भी होती है.
इससे कुछ दिन पहले अमेरिका मीडिया ने दावा किया था कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच शिखर सम्मेलन के बाद से प्योंगयांग ने अपने एक महत्वपूर्ण मिसाइल प्रतिष्ठान का विस्तार किया है. यह बात सीएनएन ने चार दिसंबर को उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों के आधार पर कही.
सीएनएन के अनुसार, उत्तर कोरिया ने पर्वतीय क्षेत्र स्थित अपने यीओंगजेओ-डोंग मिसाइल प्रतिष्ठान को उन्नत किया है और एक अन्य प्रतिष्ठान का निर्माण किया है जो पूर्व में सार्वजनिक रूप से पहचान में नहीं आया था. इस पर पेंटागन ने एक बयान में कहा, ‘‘हम उत्तर कोरिया पर करीब से नजर रखते हैं, लेकिन हम खुफिया जानकारी पर चर्चा नहीं कर सकते.’’
Bureau Report
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