मोदी सरकार का एक और बड़ा काम, 16 साल से अटका देश का सबसे लंबा रेल-रोड पुल तैयार.

मोदी सरकार का एक और बड़ा काम, 16 साल से अटका देश का सबसे लंबा रेल-रोड पुल तैयार.असम: करीब पांच किलोमीटर लंबा रेल और रोड ब्रिज दो ऐसे राज्यों को जोड़ेगा, जहां आने जाने के लिए अब तक सिर्फ नाव का सहारा था. कल 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी डिब्रूगढ़ के समीप बोगीबील में ब्रह्मपुत्र नदी पर बने डबल डेकर रेल और रोड ब्रिज का उद्घाटन करेंगे. ये पुल असम के डिब्रूगढ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ने वाला बना देश का सबसे लंबा सड़क और रेल पुल होगा. इस ब्रि‍ज के बनने से नॉर्थ ईस्‍ट के हिस्‍से में आवाजाही और आसान हो जाएगी. साथ ही भारतीय सेना को चीन की सीमा तक पहुंचने में काफी आसानी होगी. इस ब्रिज को तैयार करने में करीब 5900 करोड़ की लागत आई है. 

16 साल से बन रहा था पुल
ये ब्रिज पिछले 16 साल से बन रहा है. असम के बोगीबील पुल को केंद्र सरकार ने 1997 में मजूरी दी थी लेकिन साल 2002 में एनडीए की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इसका काम शुरू कराया. पूर्वोत्तर भारत के हिस्‍सों में भूकंप का भी खतरा रहता है. लेकिन ये ब्रि‍ज इससे बेअसर रहेगा. रिएक्‍टर स्‍केल पर अगर 7.0 की तीव्रता वाला भूकंप भी आता है तो इस ब्रिज को कोई नुकसान नहीं होगा. ये पुल भारत का पहला पूर्णत: वेल्‍डेट ब्र‍िज है.

नाव वाली इमरजेंसी खत्म होगी
सोचिए अगर रात में कोई बीमार हो जाए तो उसे सुबह तक का इंतजार करना पड़े, तो कितना मुश्किल होगा. अब तक ऐसा ही होता था. इन दोनों शहरों के बीच कोई रात में बीमार भी पड़ जाता है तो उसको नदी पार ले जाने के लिए सुबह होने का इंतजार करना पड़ता है. नाव केवल दिन में ही चल सकती है. दूसरा बरसात के वक्त भी एक हिस्से के लोग दूसरे हिस्से से कट जाते है क्योंकि बाढ़ के वक्त नाव चलाना मुश्किल होता है. यही वजह है कि बोगीबील का ब्रिज न सिर्फ इन मुश्किलों को आसान बनाएगा बल्कि ऊपरी असम और अरुणाचल के लोगों को रेल और सड़क के माध्यम से जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाएगा.

नीचे रेलवे ट्रैक, ऊपर सड़क
इस डबल डेकर रेल और रोड ब्रिज की खासियत यह है कि इसमें नीचे की तरफ दो रेल लाइन और उसके ऊपर थ्री लेन की सड़क बनाई गई है. इस ब्रिज की वजह से धेमाजी से डिब्रूगढ़ की दूरी महज 100 किमी रह जाएगी, जो सिर्फ 3 घंटे में पूरी हो जाएगी. जबकि इससे पहले दोनों शहरों का फासला 500 किमी था, जिसे पूरा करने में 34 घंटे का वक्त लगता था. इस पुल को ब्रह्मपुत्र के जलस्तर से 32 मीटर ऊंचा और इसे स्वीडन और डेनमार्क को जोड़ने वाले ब्रिज की तर्ज पर बनाया गया है. 

बोगीबील पुल: जरूरी जानकारी
>16 साल में बनकर तैयार हुआ पुल
>ब्रह्मपुत्र नदी पर पर बना पुल 4.94 किलोमीटर लंबा
>बोगीबील पुल का शिलान्यास साल 2002 में किया गया
>यूपीए के दस साल के कार्यकाल में पुल के काम ने गति नहीं पकड़ी
>कई बार समय-सीमा तय की गई, लेकिन तय समय में काम पूरा नहीं हुआ
>मोदी सरकार ने इस पुल पर तेजी से काम करना शुरू किया.

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*