पंजाब को दहलाने की साजिश में लगा पाक, खालिस्तानी आतंकियों की मदद के लिए बनाया टेरर ग्रुप

पंजाब को दहलाने की साजिश में लगा पाक, खालिस्तानी आतंकियों की मदद के लिए बनाया टेरर ग्रुपपंजाब: पिछले महीने पंजाब के पटियाला से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी शबनमदीप सिंह की पुलिस से हुई पूछताछ में ये खुलासा हुआ था कि वो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के इशारे पर वो पंजाब में नये आतंकी ग्रुप ‘खालिस्तान गदर फोर्स’ बनाने की साजिश कर रहा है जिसमें उसमें विदेशों में रह रहे खालिस्तान समर्थक की भी मदद मिल रही है. पंजाब पुलिस के सूत्रों के मुताबिक इस सिलसिले में वो कई बार आईएसआई के एक एजेंट जावेद खान वज़ीर के साथ साथ पाकिस्तानी खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला से लगातार वो संपर्क में था.

पंजाब पुलिस ने जब शबनमदीप सिंह को गिरफ्तार किया था तब उसके पास से ‘खालिस्तान गदर फोर्स’  से संबधित कई लेटर पैड भी मिले थे. पंजाब पुलिस ने  शबनमदीप सिंह की गिरफ्तारी को एक बड़ी कामयाबी बताया था . पाकिस्तान पंजाब में आतंकी गतिविधियों की साजिश में लगातार लगा हुआ है. खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई पाकिस्तान,ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थकों के जरिये पंजाब के युवाओं को बहला फुसला कर खालिस्तानी टेेर नेटवर्क से जोड़ने की साजिश में लगी हुई है.

खुफिया एजेंसियों को शक है कि पंजाब में छोटे मोटे अपराधों में शामिल युवाओं को आईएसआई इन टेेरर ग्रुप में जो़ड़ने में लगी हुई है. पंजाब में पैसे देकर टारगेट किलिंग की कोशिश की जा रही है जिससे पंजाब में हालात खराब हो सके. यही नहीं विदेशों में रह रहे कुछ खालिस्तानी समर्थक पंजाब को भारत से अलग करने की साजिश के तहत रिफ्रेंडम 2020 के नाम से एजेंड़ा चला रहे हैं. खुफिया एजेंसियों को शक है कि पाकिस्तान पंजाब में गड़बड़ी फैलाने के लिए हथियारों के साथ साथ पैसों से काफी मदद कर रहा है .

पिछले महीने पटियाला से  गिरफ्तार शबनमदीप सिंह से हुई पूछताछ में ये खुलासा हुआ था कि नये टेेरर ग्रुप के लिए आईएसआई ने शबनमदीप सिंह को दस लाख रूपये देने का वादा किया था,हालांकि समय रहते आईएसआई की ये साजिश बेनकाब हो गई और शबनमदीप सिंह को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

गृह मंत्रालय ने सभी एजेंसियों से कहा है कि वो  ‘खालिस्तान गदर फोर्स’ से संबधित सभी जानकारियों को इकट्ठा करे और ये भी पता लगाये कि इस ग्रुप से अब तक कितने लोग जुड़े हो सकते हैं और इनके पीछे कौन है . सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक खालिस्तानीआतंकियों से जुड़े युवाओं को उन्हें अपने मोबाईल में खास  तरीके के मैसेजिंग एपिलीकेशन से जुड़ने को कहा जाता है, इन मैसेजिंग एपिलीकेशन की सबसे खास बात ये होती है कि इनसे किये गये चैटिंग जल्द जांच एजेंसियों की नजर में नहीं आते. उन्हें मैसेजिंग एपिलीकेशन के जरिये ये तक बताया जाता है कि उन्हें हथियारों की खेप कहां से मिलेगी.

Burea Report

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