मेघालय: खदान में से आने लगी है बदबू, कई मजदूरों की मौत की आशंका

मेघालय: खदान में से आने लगी है बदबू, कई मजदूरों की मौत की आशंकानईदिल्ली: मेघालय में 15 दिनों से कोयला खदान में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का काम लगातार जारी है, लेकिन अब मजदूरों के सही सलामत होने की उम्मीद लगभग खत्म होती जा रही है. मजदूरों को बचाने के लिए खदान में उतरे एनडीआरएफ और गोताखोरों का कहना है कि खदान में से अब बदबू आने लगी है.

खदान से बदबू आने का यह मतलब है कि कुछ मजदूर अंदर फंसे हुए थे और इतने दिनों तक अन्न-जल ना मिलने के कारण उनकी मौत हो गई. समझा जा रहा है कि यह बदबू मजदूरों की लाश में से आ रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन की अगुवाई कर रहे एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट संतोष सिंह का कहना रै कि खदान में से बदबू का आना अच्छा संकेत नहीं है. हालांकि इस दौरान उन्होंने किसी भी मौत की पुष्टि नहीं की है.

सोमवार को रोका गया रेस्क्यू
लुमथरी गांव के कासन क्षेत्र में 370 फुट गहरे अवैध खदान में फंसे 15 खनिकों को बाहर निकालने का काम सोमवार को अस्थायी रूप से रोक दिया गया. ये खनिक 13 दिसंबर से फंसे हुए हैं. जिला उपायुक्त एफ एम डोप्थ ने बताया कि जिला प्रशासन के पास अधिक शक्तिशाली पंप उपलब्ध हो जाने के बाद बचाव अभियान फिर से शुरू होगा.

5 लोग निकले थे सही सलामत
इस अवैध खदान में नजदीक की लाइतीन नदी का पानी भर जाने से खनिक फंस गए थे. करीब 20 खनिक 13 दिसंबर को खदान में गए थे. खदान के अंदर पहुंचने के बाद ये खनिक ऐसे क्षैतिज गड्ढों, जिन्हें ‘रैट होल्स (चूहों का बिल) कहा जाता है, में घुसे जहां एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति ही प्रवेश कर सकता है. इस खदान का मालिक क्रिप चुलेट है. घटना के समय पांच लोग बाहर निकलने में कामयाब रहे थे. बाकी खदान में ही फंस गये. 

100 पुलिसकर्मी कर रहे है काम
डोप्थ ने कहा, ‘‘ हमने खदान से पानी बाहर निकालने का काम अस्थायी रूप से रोक दिया है क्योंकि इस प्रयास का कुछ सकारात्मक नतीजा नहीं निकला .’ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के सहायक कमांडेंट एस के सिंह ने कहा कि खदान में मौजूद जल स्तर करीब 70 फुट है. पुलिस अधीक्षक सिल्विस्टर नोंगटींगर ने बताया कि राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बल के करीब 100 कर्मी पुलिसकर्मियों के साथ जलस्तर के करीब 30 फुट घटने का इंतजार कर रहे हैं ताकि गोताखोर अपना काम कर सकें. 

खननकर्मियों ने किया गुफा में छेद!
स्थानीय लोगों के अनुसार किसी खननकर्मी ने अनजाने में गुफा की दीवार में छेद कर दिया होगा जिससे नदी का पानी अंदर घुस आया होगा. मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कोल इंडिया को पत्र लिखकर उच्च क्षमता वाला पंप को यहां लाने की मांग की थी ताकि खदान से पानी निकाला जा सके. 

सरकार ने की मुआवजे की घोषणा
गौरतरलब है कि मेघालय सरकार ने खदान में फंसे 15 लोगों के परिजन को एक-एक लाख रुपये की अंतरिम सहायता देने की घोषणा शनिवार को की. इसी बीच विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने फंसे खनिकों को बाहर निकालने में असमर्थ रहने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है. कांग्रेस के प्रवक्ता एच एम शांपलीयांग ने कहा, ‘‘ थाइलैंड की सरकार अंतरराष्ट्रीय तलाश एवं बचान अभियान टीम की मदद से बचाव अभियान चला सकती है और 13 फुटबॉल खिलाड़ियों को निकाल सकती है. लेकिन यह सरकार फंसे खनिकों को बचाने के मामले में बिल्कुल गंभीर नहीं है.’ 

Bureau Report

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