‘सेना युवकों के गले में बंदूक डालकर फोटो खिंचवाने के लिए बनाती है दबाव’: महबूबा मुफ्ती

'सेना युवकों के गले में बंदूक डालकर फोटो खिंचवाने के लिए बनाती है दबाव': महबूबा मुफ्तीनईदिल्लीः जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने एक बार भारतीय सेना पर बेबुनियाद आरोप लगाया है. महबूबा ने कहा कि सेना के लोग कश्मीरी युवकों के गले में बंदूक डालकर फोटो खिंचवाने का दबाब बनाती है और ऐसा ना करने पर एनकाउंटर की धमकी देती है. महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर में एक युवक से मुलाकात के बाद भारतीय सेना पर पिटाई का आरोप लगाया.

महबूबा ने हिज़्बुल कमांडर समीर टाइगर का एनकाउंटर करने वाले भारतीय सेना के मेजर रोहित शुक्ला के बारे में कहा, ‘आर्मी ने तौसीब (कश्मीरी युवक) को बुलाकर अपने कैंप में ले गई. मेजर शुक्ला ने बुलाया था.. बहुत पिटाई हुई.. 
कहा कि आप गले में बंदूक डाल लो हम आपकी फोटो लेना चाहते हैं … नहीं तो अपना बंदूक डालकर एनकाउंटर कर दूंगा.’ 

महबूबा ने आगे कहा, ‘ ये कैसा सिपाही है कि अपने ही लोगों को इतना जुल्म करते हैं (इसको बहादुरी नहीं कहते हैं)इतनी मारपीट की कि ये जख्मी हो गया. मेजर शुक्ला के से जवाबदेही होना चाहिए लिया जाना चाहिए. पूछताछ होनी चाहिए, कोर कमांडर से बात करूंगी.’

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि महबूबा मुफ्ती के आरोप झूठे हैं. उन्होंने कहा है कि महबूबा मुफ्ती अलगाववाद की आड़ में राजनीति करने की कोशिश कर रही है. 

महबूबा मुफ़्ती का ‘डबल स्टैंडर्ड’?

  • 28 जनवरी 2018 को जम्मू कश्मीर की सीएम रहते हुए महबूबा ने शोपियां में पत्थरबाज़ों पर फायरिंग के बाद आर्मी अफ़सरों पर FIR दर्ज करवाई थी.
  • 3 फरवरी 2018 को महबूबा ने सीएम रहते हुए राज्य के 9730 पत्थरबाज़ों के ख़िलाफ़ दर्ज मामले वापस लेने को मंज़ूरी दी थी. 
  • 9 मई 2018 को जम्मू कश्मीर की सीएम रहते हुए महबूबा ने केंद्र से अपील की थी कि रमज़ान में ऑपरेशन ऑलआउट को रोका दिया जाए.
  • 31 मार्च 2018 को महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि मोदी से वाजपेयी की तरह पाकिस्तान से बात करने पर ज़ोर दे. 
  • 16 दिसंबर 2017 को महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि कश्मीर में 200 आतंकी मारेंगे तो पाकिस्तान से 200 और आ जाएंगे.
  • 29 नवंबर 2017 को महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि आतंकवादियों को मार गिराने से आतंकवाद खत्म नहीं होगा. 

वोट की खातिर महबूबा का मुस्लिम कार्ड?
‘जम्मू के मुसलमानों को खुलेआम धमकाया जा रहा है. 1947 जैसे हालात पैदा करने की धमकी दी जाती है. कुछ लोग जम्मू महाधिवेशन के नाम पर मुसलमानों को धमकाते हैं. गुज्जर- बक्करवाल को घुसपैठिया साबित करने की कोशिश हो रही है. गुज्जर- बक्करवाल जम्मू में आज़ादी के पहले से रह रहे हैं.’

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