मुंबई: जम्मू कश्मीर में पिछल पांच दिनों के भीतर 45 जवानों की शहादत पर महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने सरकार को आड़े हाथों लिया है. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने केंद्र सरकार को जमकर कोसा है. सामना में लिखा है- ‘पुलवामा में खून की नदिया बहीं. इसके बदले में एकाक सर्जिल स्ट्राइक करने वाले हो तो इसे बदला नहीं कहा जाएगा.’ सामना में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का गुणगान करते हुए कहा कि पाकिस्तानियों को उन्होंने सबक सिखाय़ा था. लाहौर तक सेना घुसाकर पाकिस्तानी टुकड़ियों को तहत-नहस कर दिया. लाखो सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. पुलवामा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सैनिकों को पाकिस्तान पर कार्रवाई करने की पूरी छूट दी. पीएम मोदी ने सेना प्रमुखों को यह छूट दी है कि समय, दिन और स्थान सेना तय करें और बदला लें. अब सर्जिकल स्ट्राइक या सिमित युद्ध के दो विकल्प हैं. ये वो खुशी-खुशी करें.
इससे पहले पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शिवसेना ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से कहा कि वह सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक करने से नतीजे नहीं निकलने वाले और वक्त आ गया है कि लाहौर और इस्लामाबाद सहित पाकिस्तान के अंदरूनी हिस्सों में हमले किए जाएं.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में शिरकत करने के बाद शिवसेना के सांसद संजय राउत ने पत्रकारों को बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार को वह करना चाहिए जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था.
राउत ने कहा, ‘सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक से काम नहीं चलने वाला, अब लाहौर और इस्लामाबाद तक हमले करने होंगे. मोदी सरकार को वह करना चाहिए जो इंदिरा गांधी की सरकार ने किया था.’ गौरतलब है कि इंदिरा गांधी के शासनकाल में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध जीता था.
भारत ने जम्मू-कश्मीर के उरी में थलसेना की शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के जवाब में 2016 में पाकिस्तान से लगी सीमा के पार आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की दृढ़ता दिखाते हुए आज सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस बात को रेखांकित किया कि वे देश की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता से खड़ी हैं.
सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं ने शिरकत की. भाजपा और कांग्रेस सहित सभी पार्टियों ने एक प्रस्ताव पारित कर आतंकवादी हमले और सीमा-पार से उसे मिल रहे समर्थन की निंदा की. विपक्षी सदस्यों ने इस चुनौती से निपटने में सरकार को पूरा समर्थन दिया.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बीते गुरूवार को सीआरपीएफ के एक काफिले पर फिदायीन हमला हुआ जिसमें इस अर्धसैनिक बल के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए. पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
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