नईदिल्ली: भारतीय वायुसेना की ओर से LOC क्रॉस करके आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई पर देशभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. रक्षा विशेषष अनिल गौर ने कहा, ‘मुझे सेना के सूत्रों से पता चला है कि भारतीय वायुसेना ने आतंकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक किए हैं. यह एक बड़ी कार्रवाई है. एयरफोर्स की इस कार्रवाई की पाकिस्तान को भनक तक नहीं लगी और आतंकी ठिकानों का काम तमाम हो गया. यह भारतीय वायुसेना की ताकत को दर्शाता है.’
रक्षा विशेषज्ञ ने ये भी कहा कि इस कार्रवाई के बाद भारत को सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इसपर जवाबी कार्रवाई भी कर सकता है. उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ भारत की यह बड़ी कार्रवाई है.
वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता और बीजेपी के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी वायुसेना के इस कार्रवाई पर खुशी जाहिर की है. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा, ‘ये तो करना ही था. हम पीओके में ही ज्यादा बमबारी कर रहे हैं. POK हमारी जमीन है, आत्मरक्षा में हमने यह कार्रवाई की है. अभी तो शुरुआत है. पाकिस्तान का अस्तित्व खत्म करना है. पाकिस्तान का चार टुकड़ा करना हमारा लक्ष्य है. हमारी प्राथमिकता है कि ये कैंप कैसे नष्ट करें, फिर पाकिस्तान के टुकड़े करने पर विचार करेंगे.
आरजेडी नेता का विवादित बयान
इस कार्रवाई पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इसे राजनीतिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पुलवामा हमले को लेकर नहीं है. यह कार्रवाई चुनाव के मद्देनजर हो रही है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान तब तक नहीं हो सकता, जब तक कश्मीरियों का साथ नहीं लेते. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का निर्माण ही हुआ है भारत के विरोध से. इस जहर को इस स्ट्राइक से खत्म नहीं कर सकते हैं.
आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को इस्चेमाल कर रहा है. कश्मीर को जब तक ठीक नहीं कीजिएगा, कश्मीरियों का विश्वास हासिल नहीं कीजिएगा तब तक शांति स्थापित नहीं होगी. उन्होंने कहा कि पुलवामा जैसे हमले होते रहेंगे.
वरिष्ठ वकील और एनसीपी नेता माजिद मेमन ने कहा, ‘उचित जवाब देना था, किसी भी तरह से कि जो वो कर रहे हैं वो सही नहीं है, लेकिन राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. पहले प्रचार फिर काम. इस तरह से काम नहीं होना चाहिए. हम लोग सब एक साथ हैं. मगर कोई भी कदम उठाया जाए तो विपक्ष को भी साथ में लेकर चलें, जो कि नहीं हो रहा है. सरकार राजनीतिक लाभ के लिए ना करे यही चिंता है.
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