शिवसेना नेता संजय राउत के विवादित बोल, कहा- ‘भाड़ में गया कानून, हम देख लेंगे आचार संहिता’

शिवसेना नेता संजय राउत के विवादित बोल, कहा- 'भाड़ में गया कानून, हम देख लेंगे आचार संहिता'नईदिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha elections 2019) के प्रचार में जुटे नेता अपनी जुबान से केवल विपक्षी दलों के लिए ही आग नहीं उगलते है, यह देश के कानून और चुनाव आयोग को लेकर भी मर्यादा तोड़ते दिखाई देते हैं. ताजा मामला महाराष्ट्र का है. यहां शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने चुनाव आयोग को लेकर विवादित बयान दिया है. संजय राउत ने देश के कानून को ना मानने वाली बात कही है. शिवसेना नेता ने चुनाव आचार संहिता को लेकर भी आयोग पर निशाना साधा है. 

संजय राउत ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘चुनाव का माहौल है और मुझे बार-बार याद दिलाया जाता है कि आचार संहिता है, आचार संहिता है, तो मेरे मन में एक डर हमेशा रहता है कि आचार संहिता है. एक तो हम कानून मानने वाले लोग नहीं है, उस पर हमें लगातार याद दिलाया जा रहा है कि कानून है, आचार संहिता है. हम ऐसे लोग हैं कि भाड़ में गया कानून, आचार संहिता भी हम देख लेंगे. लेकिन जो बात हमारे मन में है, वो बात अगर हम बाहर नहीं निकालेंगे तो घुटन सी होती है. ‘ 

शिवसेना ने 12 अप्रैल को अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी को सलाह दी कि वह राफेल सौदे पर “कम बोले”, जिसे लेकर कांग्रेस भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. शिवसेना ने चेतावनी दी कि अनावश्यक बयानबाजी से राष्ट्रीय पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. शिवसेना ने कहा कि अगर बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैलियों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मिल रही कवरेज से संतुष्ट रहती तो नमो टीवी पर प्रतिबंध से बचा जा सकता था. 

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने जलगांव में एक जनसभा के दौरान महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन के सामने बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई हालिया झड़प को लेकर भी राष्ट्रीय पार्टी पर निशाना साधा. 

‘बीजेपी ने पार्टी में गुंडो की भर्ती की’
पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा, ‘चौंकाने वाला वीडियो (संघर्ष का) देश भर में देखा गया. बीजेपी ने पार्टी में गुंडों की भर्ती की और उन्हें ‘वाल्मीकि’ में बदल दिया. हालांकि यहां, अनुभवी वाल्मीकि गुंडों में बदल गए और हिंसा में शामिल हो गए.’ 

उसने कहा, ‘यह न सिर्फ ‘महायुति’ (बीजेपी-शिवसेना गठबंधन) के प्रचार पर धब्बा है बल्कि समय आ गया है जब बीजेपी को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.’ 

‘राफेल के मुद्दे पर संयम के साथ बातचीत की जरूरत’
शिवसेना ने कहा,’कम से कम राफेल के मुद्दे पर, उनको अहंकार छोड़ने और संयम के साथ बातचीत की जरूरत है. रक्षा मंत्री से लेकर दूसरे नेताओं तक, लोग (बीजेपी में) जो चाह रहे हैं वो बोल रहे हैं.’  मुखपत्र में कहा गया, ‘इससे पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं इसलिये हमारी सलाह है कि जितना कम बोला जाए उतना बेहतर है.’ 

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