नईदिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (lok sabha elections 2019) के दूसरे चरण के लिए महाराष्ट्र की 10 लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान होना है. इनमें अमरावती भी शामिल है. यह विदर्भ का दूसरा सबसे बड़ा और जनसंख्या वाला क्षेत्र है. इसे विदर्भ की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है. यह लोकसभा सीट शिवसेना को अभेद किला रही है. 1999 से यहां शिवसेना का कब्जा कायम है. इस सीट से देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल भी सांसद रही हैं.
यहां से शिवेसना ने अपने मौजूदा सांसद आनंदराव अदसुल को मैदान में उतारा है. वहीं बसपा ने इस सीट से अरुण वानखेड़े को टिकट दिया है. इनके अलावा यहां से 15 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं.
6 विधानसभा सीटें हैं लोकसभा क्षेत्र में
महाराष्ट्र की अमरावती लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें बडनेरा, अमरावती, तिवासा, दर्यापुर, मेलघाट और अचलपुर सीटें शामिल हैं. यहां 1951 में हुए पहले आम चुनाव में कांग्रेस के पंजाबराव देशमुख ने जीत दर्ज की थी.
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल रही हैं सांसद
अमरावती लोकसभा सीट पर अब कांग्रेस का 11 बार कब्जा रहा है. कांग्रेस के पास यह सीट 1951 से लेकर 1989 तक रही. 1989 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने कांग्रेस से यह सीट छीनी. सुदाम देशमुख यहां से सांसद बने. 1991 में हुए अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को मैदान में उतारा. वह चुनाव जीतकर यहां से सांसद बनीं. इसके बाद से अग तक यहां कांग्रेस नहीं लौटी है.
1996 में पहली बार जीती शिवेसना
अमरावती लोकसभा सीट पर शिवसेना ने 1996 के चुनाव में पहली बार जीत दर्ज की. इन चुनाव में शिवेसना के अनंतराव गुडे ने जीत हासिल की. 1998 में हुए चुनाव में यहां से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के गवई रमाकृष्ण सुर्यभान चुनाव जीते. फिर 1999 वापस यह सीट शिवसेना के पास पहुंच गई. यहां से अनंतराव गुडे ने फिर चुनाव जीता. वह 2004 में भी यहां से जीते. 2009 में आनंदराव अदसुल ने शिवेसना की टिकट पर चुनाव जीता. 2014 में भी वह सांसद बने. इस बार भी शिवसेना ने उन्हें मैदान में उतारा है.
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