नईदिल्ली: एप्पल में नौकरी करने की इच्छा में एक 17 साल के स्कूली छात्र ने एप्पल के सिक्योर्ड सिस्टम को ही हैक कर लिया. दरअसल, छात्र को लगा कि वह ऐसा करके कंपनी में जॉब पा सकेगा और कंपनी के अधिकारी उससे प्रवाभित होंगे. इस मामले पर फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने ऑस्ट्रेलियाई फेडरल पुलिस (एएफपी) से संपर्क किया, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ.
जानकारी के मुताबिक, आरोपी युवक मूलरुप से एडिलेड का है और उसने मेलबर्न के किशोर के साथ मिलकर सिस्टम हैक किया. साल 2015 में पहले कंपनी का मैनफ्रेम हैक किया और फिर साल 2017 में सिस्टम हैक कर कंपनी के डाटा को डाउनलोड कर लिया. उन्होंने झूठे डिजिटल क्रेडेंशियल्स बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी में अपने ‘उच्च स्तर की विशेषज्ञता’ का इस्तेमाल किया, जिसने एप्पल के सर्वर से डाटा ऐसे दिए, जैसे कंपनी का ही कर्मचारी उस डाटा का इस्तेमाल कर रहा है.
आरोपी छात्र के वकील मार्क ट्विग्स ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को उस समय अपने कार्यों की गंभीरता के बारे में पता नहीं था और उन्हें लगा कि कंपनी उन्हें नौकरी दे सकती है. वकील ने बताया कि ये तब शुरू हुआ जब मेरा मुवक्किल 13 साल का था और अपराध की गंभीरता के बारे में उन्हें कोई पता नहीं था और जब इस बात की जानकारी हुई, तो उन्हें लगा कि कंपनी में वह रोजगार ले सकते हैं.
वकील ने यह भी उल्लेख किया कि एक ऐसे ही मामले में जो यूरोप में हुआ था. आरोपी छात्र के वकील ने कहा कि हैकिंग से कंपनी को कोई वित्तीय या बौद्धिक नुकसान नहीं उठाया है. आरोपी लड़के ने एडिलेड यूथ कोर्ट में अपना पक्ष रखा, लेकिन अदालत ने उसे कई कंप्यूटर्स की हैकिंग के आरोपों के लिए दोषी करार दिया. मगर मजिस्ट्रेट डेविड व्हाइट ने उसे सजा नहीं सुनाई और आरोपी लड़के को नौ महीने तक अच्छे व्यवहार पर रखने के लिए 500 डॉलर के बांड पर रखा है.
Bureau Report
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