नईदिल्ली: दिल्ली सरकार की राष्ट्रीय राजधानी में अगले तीन महीने के भीतर महिलाओं को डीटीसी बसों, क्लस्टर बसों व दिल्ली मेट्रो में मुफ्त यात्रा की अनुमति देने की योजना है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को मीडिया से कहा, ‘महिलाएं सभी डीटीसी बसों, क्लस्टर बसों व दिल्ली मेट्रो में मुफ्त यात्रा का लाभ पा सकती हैं. यह योजना महिलाओं के सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए है, जो परिवहन का सबसे सुरक्षित साधन माना जाता है.’
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मेट्रो और राज्य संचालित दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी)के लिए एक सप्ताह में एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा, ‘हम 2 से 3 महीने के भीतर इस योजना को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि योजना को दिल्ली सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘जो महिलाएं सफर का खर्च उठा सकती हैं, वे टिकट खरीद सकती हैं. हम उन्हें ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, जिससे कि दूसरों को सब्सिडी प्रदान की जा सके.’
मुख्यमंत्री केजरीवाल के इस कदम की कोई आलोचना कर रहा है तो कोई तारीफ कर रहा है. ऐसे में हम आपका ध्यान उन शहरों की ओर दिलाना चाहते हैं जहां आम लोगों के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह मुफ्त है.
जर्मनी: यूरोप के इस देश के कई शहरों में जाम की विकराल समस्या है. बॉन, एसेन, रॉटलिंगन, मैनहेम और हेरनबर्ग ऐसे शहर हैं जहां सरकार ट्रैफिक व्यवस्था सामान्य करने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं. इन शहरों में प्रदूषण का स्तर भी काफी है. इन दोनों समस्याओं से निजात पाने के लिए जर्मनी सरकार यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट बिल्कुल मुफ्त करने की तैयारी में है.
हस्सेल्ट: बेल्जियम के लिम्बर्ग प्रांत की राजधानी है हस्सेल्ट. यहां 1997 से पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह मुफ्त हैं. हालांकि 2016 में इस योजना को बंद कर दिया गया. हालांकि यहां 19 साल से कम उम्र के लोगों के लिए अभी भी मुफ्त यात्रा की सुविधा है.
टालिन: बाल्टिक समुद्र और फिनलैंड की खाड़ी के बॉर्डर पर एस्टोनिया देश है. यहां की राजधानी टालिन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट बिल्कुल मुफ्त है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट बिल्कुल मुफ्त करने के लिए यहां मतदान कराया गया था, जिसमें 75 फीसदी लोगों ने हामी भरी थी. यहां मुफ्त में पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रयोग करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसके बाद एक ग्रीन कार्ड मिलता है, जिसके एवज में 2 पाउंड चुकाने होते हैं. बताया जा रहा है कि यहां की सरकार यह योजना पूरे देश में लागू करने पर विचार कर रही है.
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