बेंगलुरू: कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार में 13 विधायकों के इस्तीफे और दो निर्दलीयों के समर्थन वापस लेने से उपजे सियासी संकट के बीच विधानसभा स्पीकर ने मंगलवार को कहा कि बागी विधायकों ने सही तरीके से इस्तीफे नहीं सौंपे. इस पर फैसला लेने का कोई तय वक्त नहीं है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि यह एक प्रक्रियागत मसला है. इस संबंध में कुछ निश्चित नियम हैं, उसी के आधार पर हमको निर्णय लेना होगा. स्पीकर के ऑफिस को उसी के साथ जिम्मेदारी के साथ नियमों का अनुपालन करना होगा. इस संबंध में कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है. इन नियमों में एक उपबंध कहता है कि यदि स्पीकर आश्वस्त होता है कि ये इस्तीफे बिना किसी दबाव के स्वैच्छिक आधार पर दिए गए हैं और उनको स्वीकार किया जा सकता है, ऐसा नहीं होने पर मुझे नहीं पता कि क्या करना होगा?…उस स्थिति में मेरी ज्यादा जानकारी नहीं है.
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस सरकार पर संकट लगातार गहराता जा रहा है. 224 सदस्यीय विधानसभा में दो निर्दलीयों समेत इस गठबंधन के 15 विधायकों ने सरकार का साथ छोड़ दिया है. इस बीच मंगलवार को कर्नाटक कांग्रेस के विधायक दल की बैठक हुई. उसमें कांग्रेस के एक अन्य विधायक एमटीबी नागराज ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए हिस्सा नहीं लिया. कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के नेतृत्व में इस बैठक का आयोजन हुआ. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के 10 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी ने इससे पहले सोमवार को सभी विधायकों से इस बैठक में शामिल होने को कहा था. इसके साथ ही पार्टी ने संकेत दिया था कि यदि बागी विधायक इस बैठक में शामिल नहीं होंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इस बीच बगावत को थामने के लिए दोनों ही दलों के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई और उसके बाद सभी 31 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया. माना जा रहा है कि बागियों को समायोजित करने के लिए मंत्रिमंडल के पुनर्गठन करने की बात हो रही है. हालांकि इन सबके बावजूद बगावत थमने का नाम नहीं ले रही है. इसके मद्देनजर विपक्षी बीजेपी ने कहा है कि राज्य की कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गई है और उनको इस्तीफा दे देना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में संकट में घिरी जद (एस) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार की हालत सोमवार को तब और ज्यादा खराब हो गई, जब निर्दलीय विधायक और लघु उद्योग मंत्री एच. नागेश और केपीजेपी के एकमात्र विधायक और सरकार में मंत्री आर. शंकर ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया. उधर सरकार बचाने के लिए जद (एस) और कांग्रेस ने बागियों को मंत्री पद की पेशकश की है जिसे कथित तौर पर उन्होंने ठुकरा दिया है.
राज्य में राजनीतिक संकट के मद्देनजर अमेरिका दौरा बीच में छोड़कर स्वदेश लौटे जद (एस) और कांग्रेस गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सभी मंत्रियों के इस्तीफे करवाकर सरकार बचाने का आखिरी दांव चला है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और संकट का हल निकाल लिया जाएगा.
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