मुंबई: कर्नाटक का सियासी ड्रामा सूबे की सरहद को पारकर मुंबई की सड़कों पर पहुंच गया है. यहां के रेनेसां मुंबई कंवेंशन सेंटर होटल में ठहरे 11 बागी विधायकों को मनाने के लिए पहुंचे कर्नाटक के मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डीके शिवकुमार को पुलिस ने होटल के भीतर नहीं जाने दिया. दरअसल बागी विधायकों ने पहले ही मुंबई पुलिस से आग्रह किया था कि उनकी जान को खतरा है इसलिए उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाए. लिहाजा पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी. उन्होंने शिवकुमार से मिलने से इनकार भी कर दिया. इसलिए शिवकुमार को होटल के भीतर नहीं जाने दिया गया.
इससे नाराज शिवकुमार ने कहा कि मैं अपने दोस्तों से मिले बगैर नहीं जाऊंगा. वे मुझे बुलाएंगे. उनका दिल टूट जाएगा. मैं उनके संपर्क में हूं. इस बीच रेनेसां होटल ने शिवकुमार के कमरे की बुकिंग कैंसिल कर दी. इस पर शिवकुमार ने कहा कि होटल को मेरे जैसे कस्टमर पर गर्व होना चाहिए. मैं मुंबई से प्रेम करता हूं. उनको बुकिंग कैंसिल करने दीजिए, मेरे पास अन्य कमरे हैं.
इस बीच होटल में मौजूद बागी कांग्रेस नेता बी बासवराज ने कहा कि हमारा मकसद शिवकुमार का अपमान करना नहीं है. हमारा उन पर भरोसा है लेकिन हमने किसी कारण से ये फैसला लिया है. दोस्ती, प्रेम और सद्भावना एक तरफ हैं, इसी आधार पर हम उनसे गुजारिश करना चाहते हैं कि हम उनसे क्यों नहीं मिलना चाहते?
इसी तरह बागी कांग्रेसी विधायक रमेश जरकीहोली ने कहा कि शिवकुमार से मिलने में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है. उधर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इस पूरे सियासी खेल में पर्दे के पीछे बीजेपी का हाथ है. इस पर बोलते हुए रमेश ने कहा कि बीजेपी की तरफ से हमसे मिलने कोई नहीं आया.
इस बीच होटल के बाहर मौजूद बागी विधायकों के समर्थकों ने आज सुबह शिवकुमार ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए. इन परिस्थितियों को देखते हुए मुंबई पुलिस ने होटल के बाहर पवई पुलिस स्टेशन क्षेत्र में धारा 144 लगा दी है. शांति भंग होने की आशंका के मद्देनजर नौ जुलाई से लेकर 12 जुलाई तक के लिए धारा 144 लगाई गई है.
वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक में बीजेपी सत्तापक्ष के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रही है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा और अन्य भाजपा नेताओं ने विधानसभा के बाहर धरना-प्रदर्शन किया.
सियासी गतिरोध पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
इसके साथ ही कर्नाटक में चल रहा राजनीतिक गतिरोध अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के बागी विधायकों ने अपने इस्तीफे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार पर अपने संवैधानिक कर्तव्य को छोड़ने और जानबूझकर उनके इस्तीफे की स्वीकृति में देरी का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है. वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने मामले को सीजेआई के सामने रखा. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार 11 जुलाई को सुनवाई कर सकता है.
Bureau Report
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