चंद्रपूर: अंधविश्वास और गुप्त धन मिलने की लालसा में एक नई दुल्हन के साथ अमानवीय करतूत की गई. घटना महाराष्ट्र के चंद्रपूर के सावरी-बीडकर गांव की है जहां नई दुल्हन को रात ढाई बजे उठाकर दर्गा पानी से साफ करवाया गया. दर्गा में रखे कछुए को खाना खिलाना पडा. ससुरालवाले गुप्तधन की लालसा में नई दुल्हन को सुर्योदय से सुर्यास्त तक भूखा रखते थे.
चंद्रपूर के चिमूर तालुका में सावरी-बीडकर गाव मे रहनेवाले समीर कारेकर गडचिरोली के आरमोडी गाव की सविता वाघाडे के साथ शादी अगस्त 2018 में हुई थी. पहले ही दिन जब नई दुल्हन सविता अपने ससुराल पहुंची तो रात ढाई बजे उठाकर उसे घर के नजदिक पुरातन दर्गा को पानी से धोने के लिए कहा गया. दर्गा में बडा सा कछवा रखा गया था. उसे नहलवाने और उसकी पूजा करने को कहा गया. पूजा के बाद कछवे को खाना खिलाने को कहा गया.
सब होने के बाद समीर ने सविता के साथ मारपीट करना शुरु किया, उसके शरीर पर जलती हुई लकडी से दाग देना शुरु किया. सविता चिल्लाती रही लेकीन उसके मदद के लिए कोई भी नही आया. सास-ससूर समीर को ऐसा करने पर उकसा रहे थे. सविता को बताया गया की ऐसा करने पर दर्गा मे जो सोना दबा है वह उपर आएगा और पुरा परिवार मालामाल हो जाएगा.
सविता को लगा की यह एक दिन के लिए होगा. लेकीन इसके बाद रोज ऐसे ही होता रहा. लगातार 50 दिनो तक सुर्योदय से सुर्यास्त तक उसे भूखा रखा गया. उसका मोबाईल भी छीना गया. बाहर के किसी भी आदमी के साथ उसका संपर्क टूट गया.
सविता के मायकेवालो को शक हुआ. सविता के पिता आए और उसे अपने साथ लेकर गए. सविता ने अपनी आपबिती बताई. इसके बाद पुरा वाघाडे परिवार सदमे में था. कुछ महिनों बाद सविता के पिता को पता चला की समीर चौथी शादी कर रहा है. जिसके बाद उन्होंने पुलीस में समीर और उसके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज कराया.
फिलहाल इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नही हुई है. लेकिन जल्द ही समीर और उसके पुरे परिवार के खिलाफ अंधविश्वास विरोधी कानून के तहत कारवाई की जाएगी. सविता के परिवार वालों ने बताया की समीर का परिवार पढा लिखा है. जब सविता के साथ समीर की शादी हुई थी तो उन्हे ऐसा नहीं लगा था की यह परिवार अंधविश्वास में उनकी बेटी के साथ ऐसे करेगा.
चंद्रपूर के पुलीस अधिक्षक डॉ. महेश्वर रेड्डी ने बताया की शेगाव पुलीस स्टेशन में यह अंधविश्वास विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. जल्द ही इसपर कार्रवाइ करेंगे.
Bureau Report
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