नईदिल्ली: कर्नाटक के 10 बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इनको निर्देश दिया है कि अपने इस्तीफे के निर्णय संबंधी सूचना को गुरुवार शाम छह बजे तक स्पीकर के समक्ष पेश होकर बताएं. इसके साथ ही स्पीकर को निर्देश दिया है कि उसके बाद वह आज ही इस्तीफे पर फैसला लें. कल सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर के आदेश की कॉपी पेश की जाएगी. शुक्रवार को ही इस मामले की अगली सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के डीजीपी से बागी विधायकों को सुरक्षा देने को कहा है.
इस तरह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बड़ा झटका लगा है. वहीं दूसरी तरफ बागी विधायकों को बड़ी राहत मिली है. दरअसल याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि मुख्यमंत्री अल्पमत में हैं और विश्वास मत हासिल करने से इनकार कर रहे हैं. याचिकाकर्ताओं ने संविधान में प्रदत्त लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने असाधारण अधिकार को क्रियान्वित करने की मांग की. याचिकाकर्ताओं का कहना है, “विधायिका का कोई भी निर्वाचित सदस्य अपनी अंतरात्मा की आवाज या अन्य जरूरी परिस्थितियों के आधार पर अपनी सदस्यता से इस्तीफा देने का हकदार है.”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जो भी जो भी सुप्रीम कोर्ट में हुआ वो एक कानूनी प्रक्रिया है. इसके साथ ही गोवा और कर्नाटक में कांग्रेस के बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पिछले 40 दिन से कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं है. ऐसे में इन सबके पीछे जिम्मेदार बीजेपी कैसे हो सकती है. कांग्रेस के विधायकों को लगता है कि पार्टी में दिवालियापन है इसलिये कांग्रेस के नेता बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं.
इन मामलों में केंद्र सरकार या भाजपा कुछ नहीं कर रही है. इन लोगों से अपनी पार्टी नहीं संभल रही है तो इसमे बीजेपी क्या करे. कांग्रेस को अपनी स्थिति पर आत्म चिंतन करना चाहिये. कांग्रेस अपनी दुर्दशा के लिए खुद ज़िम्मेदार है. कांग्रेस के आरोपों की हम निंदा करते हैं.
कर्नाटक मुद्दे पर कांग्रेस ने राज्यसभा में हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया. गोवा और कर्नाटक मामले पर गुरुवार को कांग्रेस ने संसद में प्रदर्शन भी किया. सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस नेताओं ने संसद स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान उनके हाथ में ‘लोकतंत्र बचाओ’ लिखी तख्तियां भी थीं.
इस बीच सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि कर्नाटक में चल रहे सियासी संकट के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी गुरुवार को पद से इस्तीफा दे सकते हैं. साथ ही विधानसभा भंग करने की सिफारिश भी कर सकते हैं. इससे पहले कुमारस्वामी विधानसभा में अपनी कैबिनेट के साथ अहम बैठक भी कर सकते हैं. उधर एक बागी विधायक एसटी सोम शेखर मुंबई से बेंगलुरु लौट गए हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि इस्तीफे को लेकर वह अपने निर्णय पर ही बरकरार हैं. दरअसल सोम शेखर बेंगलुरु डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन हैं. वह बेंगलुरु में जरूरी बैठक के लिए वापस गए हैं.