नईदिल्ली: कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. याचिकाकर्ताओं ने दलील देते हुए कहा कि एक जुलाई से ही हमने इस्तीफे देने शुरू किए. स्पीकर ने हमारे इस्तीफे मंजूर नहीं किए. बाग़ी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्पीकर इस्तीफ़े मंज़ूर न करके उन्हें अयोग्य घोषित करना चाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस्तीफे पर फैसला लेने का विधानसभा में स्पीकर के अधिकार क्षेत्र से कोई लेना देना नहीं है. स्पीकर का मकसद इस्तीफे को लंबित रखकर विधायकों को अयोग्य करार देने का है ताकि ऐसे में इस्तीफे निष्प्रभावी हो जायें. अगर स्पीकर इस्तीफे पर फैसला नहीं लेते तो ये सीधे-सीधे अदालत की अवमानना है.
स्पीकर की तरफ़ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील देनी शुरू की तो चीफ जस्टिस ने पूछा क्या सुप्रीम कोर्ट के अधिकार को चुनौती दे रहे हैं स्पीकर? इस पर वकील सिंघवी ने कहा कि विधायकों के इस्तीफे देने का मकसद अयोग्य करार दिए जाने की कार्रवाई से बचना है. 1974 में संविधान संसोधन के जरिये ये साफ कर दिया गया था कि इस्तीफे पर फैसला लेने से पहले ये सुनिश्चित करना ज़रूरी है वो genuine है. कोर्ट में सुनवाई जारी है.
Bureau Report
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