नईदिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में आज गुजरात हाईकोर्ट के सीनियर जज जस्टिस अकील कुरैशी की नियुक्ति मामले में सुनवाई हुई. गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिशन की याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट 15 जुलाई को सुनवाई करेगा. दरअसल, केन्द्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई है याचिका, कॉलेजियम ने जस्टिस कुरैशी को लेकर केन्द्र को सिफारिश भेजी थी, इसमें जस्टिस कुरैशी को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने को लेकर सिफारिश की गई थी.
गुजरात हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस एए कुरैशी फिलहाल मुंबई हाईकोर्ट में कार्यरत हैं. मार्च के दूसरे सप्ताह में कॉलेजियम ने केन्द्र को सिफारिश भेजी थी लेकिन केन्द्र ने कॉलेजियम की सिफारिश को दरकिनार कर दिया था. प्रकरण को लेकर गुजरात के वकीलों ने कानून मंत्री से मांगा था मुलाकात का समय, लेकिन कानून मंत्री ने गुजरात के वकीलों से मिलने से भी इनकार कर दिया था. जिसके बाद एडवोकेट एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में कॉलेजियम की सिफारिश को लंबित रखा था. वहीं सरकार ने सिफारिश के उलट संविधान की धारा 223 की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति की तरफ से मध्य प्रदेश हाइकोर्ट के मोस्ट सीनियर जज रवि शंकर झा को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति कर दी थी.
झा से पहले कॉलेजियम ने मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार सेठ के सेवानिवृत्त होने के बाद मुख्य न्यायाधीश पद के लिए जस्टिस ए ए कुरैशी के नाम को सिफारिश की थी. जस्टिस संजय कुमार सेठ 9 जून को रिटायर हो गए थे.
जस्टिस रविशंकर झा ने जस्टिस संजय कुमार सेठ के रिटायर होने के बाद 10 जून से पदभार संभाला है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश के अलावा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुजरात हाई कोर्ट के लिए अवर जज जस्टिस डीएन पटेल को दिल्ली हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस, मद्रास हाई कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस वी राम सुब्रमण्यम को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस और राजस्थान हाई कोर्ट के जज आरएस चौहान को तेलंगाना हाई कोर्ट चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की थी.
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