नईदिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने इंटरनेट व मोबाइल से एनईएफटी और आरटीजीएस से लेनदेन पर शुल्क हटा दिया है. यह नियम 1 जुलाई से प्रभावी होगा. बैंक की तरफ से एक बयान में कहा गया कि 1 अगस्त से आईएमपीएस पर भी शुल्क नहीं लेगा. बयान के अनुसार, ‘डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के मकसद से एसबीआई ने योनो (एसबीआई का एक इंटिग्रेटेड डिजिटल एंड लाइफस्टाइल प्लेटफॉर्म), इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के लिए आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) और एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स फंड ट्रांसफर सिस्टम) शुल्क माफ कर दिया है.’
32 करोड़ ग्राहकों को होगा फायदा
एसबीआई इससे पहले एनईएफटी के लिए 1 से 5 रुपये और आरटीजीएस के लिए 5-50 रुपये शुल्क लेता था. भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई से आरटीजीएस और एनईएफटी हस्तांतरण पर बैंकों पर शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया और बैंकों से इसका लाभ ग्राहकों को हस्तांतरित करने के लिए कहा. आपको बता दें आईएमपीएस की फ्री सर्विस का फायदा एसबीआई के सभी 32 करोड़ ग्राहक उठा सकते हैं.
क्या है आईएमपीएस
इमीडिएट पेमेंट सर्विसेज यानी आईएमपीएस मोबाइल के जरिये फंड ट्रांसफर करने का मोड है. इससे अकाउंट होल्डर मोबाइल से फंड ट्रांसफर कर सकता है. यह सुविधा एनपीसीआई द्वारा दी जाती है. इसके जरिये आप 24X7 फंड ट्रांसफर कर सकते हैं. इस सर्विस की खास बात यह है कि इसमें रियल टाइम फंड ट्रांसफर होता है. इससे आप छुट्टी के दिन भी फंड ट्रांसफर कर सकते हैं. जबकि एनईएफटी और आरटीजीएस से आप एक निश्चित समय तक ही फंड ट्रांसफर कर सकते हैं. आईएमपीएस से आप न्यूनतम 1 रुपये और अधकितम दो लाख रुपये तक ट्रांसफर कर सकते हैं.
Bureau Report
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