संभल: संभल में बुधवार को 2 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में अब तक की जांच पड़ताल में पुलिस व्यवस्था की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे पुलिस सिस्टम की लापरवाही की परतें खुल रही हैं. शुरुआती जांच में सबसे गंभीर लापरवाही सामने आई है कि कैदी वैन में 24 कैदियों को ले जा रहे 5 पुलिसकर्मियों में से 3 पुलिसकर्मियों पके पास हथियार ही नहीं थे.
इन पुलिसकर्मियों में एक बुजुर्ग दरोगा चेतराम जुलाई को रिटायर्ड होने वाला था. बुजुर्ग दरोगा का शरीर ही इस लायक नहीं था कि फरार हुए बदमाशों से वह मोर्चा ले पाता. चंदौसी कोर्ट के जिस बंदी गृह में पेशी से पहले तीनों कैदी बंद थे, उस बंदी गृह के आसपास लगे चारों कैमरे बंद मिले. कैदी वैन के खटारा होने की तस्वीरें पहले ही सामने आ चुकी हैं.
हालांकि आईजी मुरादाबाद ने लापरवाही के मामले में आरआई समेत 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. एडीजी अविनाश चंद्र पुलिस जवानों की हत्या कर फरार आरोपियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने के लगातार दावे कर रहे हैं. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जिस लापरवाह पुलिस सिस्टम की वजह से 2 पुलिसकर्मियों को शहीद होना पड़ा, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.
आपको बता दें कि बुधबार को चंदौसी कोर्ट में पेशी पर आए तीन कैदियों शकील, कमल और धर्मपाल ने पेशी के बाद वापसी में कैदी वैन में मौजूद 2 पुलिसकर्मियों हरेंद्र सिंह और ब्रजपाल की आंखों में मिर्च पाउडर झोंककर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी. पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद कैदी एक सिपाही की रायफल भी लूटकर फरार हो गए. पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी कैदियों को फरार हुए 4 दिन बीत चुके हैं.
लेकिन पुलिस अभी तक फरार कैदियों को पकड़ नहीं पाई है. जबकि फरार कैदियों की गिरफ्तारी के लिए बरेली जोन के एडीजी अविनाश चंद्र, एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश, मुरादाबाद रेंज के आईजी रमित कुमार संभल, रामपुर, मुरादाबाद के एसपी लगभग 500 पुलिसकर्मियों के साथ फरार कैदियों को पकड़ने के लिए जुटे हुए हैं.
दरअसल पुलिस की अब तक की शुरुआती जांच में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इसकी वजह से पुलिस फरार कैदियों की गिरफ्तारी के मामले में नाकाम साबित हो रही है. पुलिस की जांच पड़ताल में चंदौसी न्यायालय के उस बंदी गृह में जिसमें पेशी से पहले शकील, कमल और धर्मपाल को बंद रखा गया था. इसी बंदी गृह में कैदियों को मिर्च पाउडर और अवैध असलहे पहुंचाए जाने की बात सामने आई है.
लेकिन बंदी गृह पर नजर रखने के लिए लगाए चारों कैमरे पुलिस की पड़ताल में बंद मिले, जिसकी वजह से पुलिस को क्लू नहीं मिल पाया है. उधर बुधवार को जिस कैदी वैन से शकील, कमल और धर्मपाल समेत 24 कैदियों को पेशी से वापस मुरादाबाद कारागार ले जाया जा रहा था, उन कैदियों को ले जा रहे पांच पुलिस कर्मियों में से तीन के पास हथियार ही नहीं थे.
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