दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन, लंबे समय से थीं बीमार

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन, लंबे समय से थीं बीमारनईदिल्ली: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) का शनिवार दोपहर को दिल्ली में निधन हो गया. वह 81 वर्ष की थीं और लंबे समय से बीमार चल रही थीं. उन्हें आज सुबह दिल्ली के एस्कार्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मौजूदा समय में वह दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष थीं.

बताया जा रहा है कि वह काफी लंबे समय से बीमार चल रही थीं. वहीं, हाल ही में शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) एआईसीसी में राष्ट्रीय राजधानी मामलों के प्रभारी पीसी चाको के साथ चल रहे मतभेदों के चलते सुर्खियों में आई थीं.

1. शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को हुआ था. 

2. शीला दीक्षित 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं.

3. शीला दीक्षित लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली के उत्तर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि, इस सीट पर बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने उन्हें शिकस्त दी थी.

4. शीला दीक्षित के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उप्र) से सांसद रहीं.

5. इस दौरान वह संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहने के साथ लोकसभा की समितियों में भी शामिल रहीं.

6. शीला दीक्षित राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं.

7. शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 3 बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. इसके बाद वह 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं. 

8. शीला दीक्षित के व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उनका जन्म पंजाब के कपूरथला में हुआ था. शीला दीक्षित ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की है.

9. उनकी शादी यूपी के उन्नाव के आईएएस अधिकारी स्वर्गीय विनोद दीक्षित से हुआ था. बता दें कि विनोद दीक्षित बंगाल के पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस के बड़े नेता स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे. शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली के सांसद हैं.

10. दिल्ली की 3 बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को राजीव गांधी के बाद सोनिया गांधी ने खासा महत्व दिया.

11. शीला दीक्षित साल 1998 में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष बनाई गईं.

12. 1998 में ही लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में पूर्वी दिल्ली से चुनावी रण में उतरीं पर हार गईं. लेकिन फिर उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रहीं. 

 Bureau Report

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