NCP नेता छगन भुजबल की संभावित वापसी का शिवसैनिकों ने किया विरोध, मुंबई में लगाए पोस्टर

NCP नेता छगन भुजबल की संभावित वापसी का शिवसैनिकों ने किया विरोध, मुंबई में लगाए पोस्टरमुंबईः एनसीपी नेता छगन भुजबल के शिवसेना में संभावित वापसी का शिवसैनिकों ने विरोध किया है. मुंबई में कई चौराहों पर छगन भुजबल के शिवसेना में वापसी का विरोध करने वाले पोस्टर लगे हैं. शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के निवास मातोश्री, दादर के शिवसेना भवनऔर मुंबई के कई मुख्य चौराहों पर छगन भुजबल के शिवसेना में वापसी के विरोध में पोस्टर लगाए गए हैं. इन पोस्टर्स में लिखा है कि, ‘बालासाहबे ठाकरे को तकलीफ देने वाला लखोबा लोखंडे मतलब छगन भुजबल पार्टी में नहीं चाहिए.’

मुंबई के विक्रोली के शिवसैनिक रविंद्र तिवारी ने छगन भुजबल के शिवसेना प्रवेश का विरोध करने वाला पोस्टर लगाया है. बता दें गुरुवार को एनीसीपी नेता सचिन आहिर शिवसेना मे शामिल हुए थे, जिसके बाद महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल की शिवसेना में शामिल होने खबरे आईं थी, लेकिन छगन भुजबल के शिवसेना में वापसी पर शिवसैनिकों ने नाराजगी जताते हुए पोस्टर लगाए हैं. 

जब छगन भुजबल ने 1991 में कुछ विधायकों के साथ शिवसेना छोड़ी थी और कांग्रेस में शामिल हुए थे. तब से बालासाहेब ठाकरे अपनी सभाओ में छगन भुजबल का नाम लखोबा लोखंडे कह कर पुकारते थे. लखोबा लोखंडे ‘तो मी नव्हेच’ नाम के मशहूर मराठी नाटक का एक बदनाम पात्र था, जो नाटक में कई शादियां करता है. वहीं लखोबा लोखंडे नाम बालासाहेब ठाकरे ने छगन भुजबल के लिया दिया था.

ऐसे में शिवसैनिकों के पोस्टर में उसी लखोबा लोंखडे का जिक्र फिर किया गया है. वहीं शरद पवार के 1999 में एनसीपी के स्थापना करने के बाद छगन भुजबल एनसीपी से जुड़ गए. उसी साल कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन के साथ सरकार सत्ता में आई और भुजबल महाराष्ट्र के गृह मंत्री बन गए. मुंबई दंगों के लिए बालासाहेब ठाकरे को गिरफ्तार करने का आदेश उन्हीं के मंत्रालय ने जारी किया था और तभी भुजबल और शिवसैनिकों की दुश्मनी सामने आई थी.

Bureau Report

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