गया: बुद्ध की नगरी गया में एक ऐसा गांव है, जहां घरों के छत से मौत गुजरती है. जी हां, यहां घरों के छत से बिजली की तर गुजरती है. यहां ऐसे लगभग 50 घर हैं, जहां लोग मौत के साए में अपना जीवन जी रहे हैं. तारों के टकराने पर तेज आवाज आती है. डर कर लोग घर छोड़ भाग जाते हैं. घरों में ऑन बिजली के उपकरण जल जाते हैं. यहां कई लोगों की मौत भी हो चुकी है.
जमीन पर बिजली के खंभे जरूर देखे होंगे, लेकिन गया के इस इलाके में छत पर खंभे लगे हैं. इस गांव में जमीन से लेकर छत तक खंभे ही गड़े हैं. बिहार सरकार के ‘हर घर बिजली’ के के साथ-साथ यहां के बसिंदो को हर छत खंभे की सुविधा भी दी जा रही है.
लोगों का कहना है कि बीते 15 वर्षों से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है. प्रत्येक वर्ष दो से तीन लोगों की मौत हो जाती है. बिजली विभाग से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि तक को इससे अवगत कराया गया है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. 11 हजार वोल्ट की तार का कहर ऐसा है कि रात में कभी तेज हवा चलती या बारिश होती है तो तार आपस में टकराते हैं. जोर की आवाज होती है. घर में ऑन सभी इलेक्ट्रॉनिक सामान जल जाते हैं. लोग भी जान बचाने के लिए घर से बाहर भागते हैं.
बच्चे छत पर न जाएं इसके लिए ताला लगा रहता है. लोगों का कहना है कि जब घर बना तो ऊपर से गुजरने वाली तार टूटकर छत पर गिरने लगा. लोगों ने बिजली विभाग में तार को दूसरे रास्ते से ले जाने का आवेदन दिया, विभाग ने छत पर ही पोल गाड़ दिया. लोग एक फीट की दूरी से ही इसके चपेट में आ जाते हैं. इस मुहल्ले में 50 ऐसे बिजली के खंभे हैं, जो घरों के छत पर लगे हैं. कहीं-कहीं बांस के सहारे से तार को टांग कर रखा गया है.
वहीं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लि. के गया जिला के महाप्रबंधक का कहना है कि तार बदलने की बात हो तो उसे किया जा सकता है, लेकिन यह घर से होकर न गुजरे यह तुरंत नहीं हो सकता है.
Bureau Report
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