श्रीनगरः जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के आतंकियों के घुसपैठ पर आज श्रीनगर में सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सेना की नॉर्थन कमांड में चिनार कोर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कहा कि कश्मीर में आतंकी घटनाओं के लिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि पाक आतंकी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की कोशिश में है. लेकिन भारतीय सेना पूरी तरह से आतंकियों से निपटने के लिए तैयार है.
लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कहा, ‘कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर सेना की लगातार नजर बनी हुई है. जम्मू कश्मीर में शांति को हर हाल में बरकरार रखेंगे. सेना पर पत्थर फेंकने वाले आतंकवादी बने. जम्मू कश्मीर में 83 पत्थरबाज आतंकवादी बने.’
लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने बताया कि श्रीअमरनाथ यात्रा रूट पर एक गुप्त जगह से एक एम -24 अमेरिकी स्नाइपर राइफल (दूरबीन के साथ) मिली है.’
जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, ‘कश्मीर में आतंकी बनने वाले मामलों में कमी आई है.आतंकी बनने वाले कश्मीरी लड़के अपने घर लौटे है.’
बता दें कि जम्मू कश्मीर में 5 पाकिस्तानी आतंकियों के छिपे होने की सूचना है. खुफिया सूत्रों के हवाले से खबर है कि पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) से आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के 5 आतंकियों के एक ग्रुप ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की है. ऐसी जानकारी है कि जैश इन 5 ट्रेंड आतंकियों ने पिछले सप्ताह ही भारत में घुसपैठ की है. ये आतंकी कश्मीर घाटी में किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि जैश के आतंकी सुरक्षाबलों पर हमला कर सकते हैं. खुफिया सूत्रों की जानकारी मिलने के बाद से कश्मीर घाटी में सेना और वायुसेना अलर्ट पर है.
J&K में अतिरिक्त जवानों की तैनाती पर बोला गृह मंत्रालय, ‘यह नियमित प्रक्रिया है और…’
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में करीब एक हफ्ते पहले सुरक्षाबलों की अतिरिक्त 100 कंपनियों की तैनाती का आदेश दिया गया है. उनकी तैनाती के स्थान पर उनके पहुंचने की प्रक्रिया जारी है. गृह मंत्रालय ने कहा कि यह नियमित प्रक्रिया है.
गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि आंतरिक सुरक्षा स्थिति, प्रशिक्षण संबंधी आवश्यकताएं, अर्धसैनिक बलों की तैनाती में बदलाव उनको आराम और स्वास्थ्य लाभ देने, केंद्रीय बलों को तैनात करना और उन्हें हटाना, ये नियमित प्रक्रियाएं हैं. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि किसी तय स्थान पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती और उनकी गतिविधि के संबंध में कभी भी सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं की गई है.
Bureau Report
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