चंडीगढ़: कहते हैं कि शाहजहां अपनी पत्नी मुमताज को इतनी मोहब्बत करते थे कि मुमताज के मरने के बाद शाहजहां ने उनकी याद में ताजमहल बनवा दिया. चंडीगढ़ में रहने वाले एक शख्श विजय कुमार ने भी मोहब्बत के मामले में शाहजहां जैसा काम किया है. 70 वर्षीय कारोबारी विजय कुमार ने अपनी पत्नी वीणा की याद में 1100 किलो की संगमरमर की मूर्ति बनवाई है, जिसका आकार भी उनकी स्वर्गवासी पत्नी के कद जितना है. यही नहीं पत्नी को हुए कैंसर का पता चलने पर विजय कुमार ने उनके लिए पांच किताबें भी लिखी हैं.
कहते हैं कि पति और पत्नी का रिश्ता जितना नाजुक होता है उतना ही इसको मजबूत भी बनाया जा सकता है. चंडीगढ़ में रहने वाले विजय कुमार और उनकी पत्नी वीणा की मोहब्बत भी किसी शाहजहां और मुमताज से कम नहीं हैं. 70 वर्षीय विजय कुमार अपनी पत्नी वीणा के देहांत से सदमे से उभर नहीं पाए हैं. अभी तक जिंदगी का हर पल अपनी पत्नी के साथ बिताने वाले विजय कुमार ने पत्नी के देहांत के बाद पत्नी के बुत को ही अपना साथी मान लिया है.
इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी का राजस्थान के दौसा से वाइट संगमरमर का 1100 किलो का आदमकार बुत बनवाया है. विजय कुमार पत्नी के इस बुत से मोहब्बत भी करते हैं और शिकवे शिकायत भी इसी बुत से जताते हैं.
विजय कुमार की पत्नी वीणा को कैंसर था और कुछ दिन पहले ही उनका देहांत हुआ है. साल 2012 में विजय कुमार को पत्नी को कैंसर होने के बारे पता चला तो उन्होंने पत्नी को समर्पित पांच किताबें लिख डाली.
फिलहाल विजय कुमार और वीणा की मोहब्बत से उन दम्पत्तियों को जरूर सबक लेना चाहिए, जो छोटी से बात पर ही तलाक जैसे निर्णय ले बैठते हैं.
Bureau Report
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