इंदौरः पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से पूरा देश स्तब्ध है. वहीं पाकिस्तान से भारत आई गीता को भी गहरा आघात पहुंचा है. इंदौर के मुख बधिर संगठन में रह रही गीता को पाकिस्तान से भारत लाने में सुषमा स्वराज ने अहम भूमिका निभाई थी. साइन लेंग्वेज एक्सपर्ट सन्दीप पण्डित ने बताया कि गीता का कहना है कि मैं अनाथ हो गई हूं.
गीता के मुताबिक सुषमा स्वराज की बीमारी के चलते एक महीने से उनकी बात नहीं हो पा रही थी. बता दें कि सुषमा स्वराज ने केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को गीता की जिम्मेदारी सौंपी थी.
साल 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गीता की पाकिस्तान से घर वापसी कराई थी. इस बीच कई लोगों ने गीता के माता-पिता होने का दावा किया जिसके लिए सरकार ने डीएनए टेस्ट भी कराया था. लेकिन अभी तक गीता के माता-पिता का पता नहीं चल पाया है. हालांकि कई परिवार दावा कर रहे हैं, लेकिन गीता उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया है. वहीं, अन्य कई परिवारों के दावों को लेकर उनसे पहचान कराने की कोशिश की जा रही है.
पाकिस्तान में दशक भर से ज्यादा वक्त गुजारने के बाद भारत लौटी गीता से तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अकेले में मुलाकात की थी. और इस मूक-बधिर लड़की को भरोसा दिलाया था कि सरकार उसके परिवार को खोजने का हरसंभव प्रयास कर रही है.
अक्तूबर 2015 में स्वदेश लौटने के बाद से गीता इंदौर के गैर सरकारी संस्था ‘मूक-बधिर संगठन’ के आवासीय परिसर में रह रही है. इस संस्था की सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ मोनिका पंजाबी वर्मा ने बताया था कि सुषमा स्वराज ने गीता को एक होटल बुलवाया. गीता को देखते ही विदेश मंत्री खुश हो गईं और उन्होंने उसे गले लगा लिया. मोनिका ने बताया कि करीब आधे घंटे की निजी मुलाकात के दौरान सुषमा ने गीता से कहा कि सरकार उसके परिवार को ढूंढने की हरसंभव कोशिश कर रही है.
उन्होंने बताया था कि गीता ने सुषमा को वह कपड़ा दिखाया जिस पर उसने कढ़ाई की थी. यह देखकर विदेश मंत्री ने प्रसन्नता जतायी और इस मूक-बधिर लड़की के हुनर की तारीफ की. गीता के परिवार की तलाश के प्रयास के तहत सुषमा ने 18 दिसंबर 2015 को ट्विटर पर अपील की थी और इस मूक.बधिर लड़की के पहचान चिन्हों का जिक्र किया था. विदेश मंत्री ने यह बताने के लिये ट्विटर पर गीता की एक तस्वीर भी पोस्ट की थी कि जब वह बचपन में अपने परिजनों से बिछड़कर गुम हो गयी थी, तब वह कैसी दिखती रही होगी.
करीब 7.8 साल की उम्र में गीता पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी. उसे ईधी फाउंडेशन की बिलकिस ईधी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा था. पाकिस्तान में दशक भर से ज्यादा वक्त गुजारने के बाद गीता 26 अक्तूबर को भारत वापस लौटी थी.
Bureau Report