मुंबई: महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भीषण बाढ़ का कहर जारी है. राज्य में बाढ़ के चलते अब तक 16 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि इस प्राकृतिक प्रकोप के चलते कई लोग घायल है. राज्य के कई जिले भीषण बाढ़ की चपेट में है. अकेले पुणे संभाग में ही अभी तक 1 लाख 40 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. वहीं बाढ़ के चलते पुणे में 4, सतारा 7, सांगली और कोल्हापुर में दो-दो और सोलापुर एक मौत की खबर है.
वहीं महाराष्ट्र के पुणे और बंगलोर हाइवे पर तकरीबन 5000 ट्रकों की कतार है, हाइवे पर तकरीबन 4 से 5 फुट तक पानी होने की वजह से यातायात अवरूद्ध है. राधानगरी बांध के 5 दरवाजे खोले गए. बांध में तकरीबन 10 से 12 फीट अधिक पानी होने की वजह से इन दरवाजों को खोला गया है. पानी बढने और लगातार बरसात होने से कोयना और कृष्णा नदी में बाढ की स्थिती गंभीर होती जा रही है. उधर सांगली के कई गांव मुख्य संपर्क मार्ग से कट गए हैं. कई इलाकों में पानी प्रवेश करने की वजह से लोग घर के सामान और जानवरों को लेकर मुख्य सडक पर ही अपना बसेरा बना रखा है.
पिछले चार दिनों से बरसात और इलाके में बाढ की स्थिती से अपने जान माल को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इलाके में एनडीआरएफ सेना, नौसेना और अन्य सुरक्षा दल की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की की कोशिश लगातार जारी है.
पुणे के डिविजनल कमिश्नर दीपक महेस्कर के मुताबिक, ‘डिविजन के पांच जिलों (सोलापुर, सांगली, सतारा, कोल्हापुर और पुणे) से अभी तक 1 लाख 40 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है.’ राहत और बचाव कार्य में 16 बटालियन और 12 इंजीनियर टास्क फोर्स के 1000 जवान समेत टेरिटोरियल आर्मी की 4 टीमें, एनडीआरफ की 10 टीमें सतारा, कोल्हापुर और सांगली में लगी हैं. टेरिटोरियल आर्मी की 4 टीमों के अलावा 89 नाव, नौसेना और भारतीय तटरक्षक की टीम भी बचाव कार्य में जुटी हैं.
कोल्हापुर जिले के सभी स्कूल कॉलेजों को बंद रखा गया है. मौसम विभाग द्वारा पुणे जिले की तीन तहसीलों और सांगली की पांच तहसीलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. राज्य के सांगली जिले में कुल 213 प्रतिशत बारिश हुई है जबकि सतारा में 173 और पुणे में 166 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है. कोल्हापुर में यह स्तर 116 प्रतिशत और सोलापुर में 78 प्रतिशत रहा है.
मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक विकट स्थिति बने रहने का अनुमान जताया है. एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन लगातार बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुचाने में जुटे हुए हैं. पुणे डिविजनल कमिश्नर ने बताया कि पुणे जिले में ही करीब ढाई लाख लोग बिनना बिजली के रह रहे हैं. राहत और बचाव कार्य मैराथन स्थर पर जारी, स्वास्थ्य सुविधाएं भी लोगों तक लगातार पहुंचाने की कोशिश हो रही है.
पुणे, सतारा, सांगली और कोल्हापुर के सभी बांध पूरी तरह से भर चुके हैं. पुणे जिले में नदी के किनारे के सभी गांवों को अलर्ट कर दिया गया है.
बाढ की स्थिति के चलते महाराष्ट्र के दूध भंडार माने जाने वाले ये तीन जिले खासकर कोल्हापुर से मुंबई, पुणे आने वाले दूध की आपूर्ती पर भी बडा असर पड़ा है. गोकुल दूध संघ ने दूध लेना बंद रखा है और वारणा और अन्य स्थानीय दूध संघ भी दूध की आपूर्ति मुंबई तक नहीं कर पा रहे हैं.
पुणे-बैंगलौर हाईवे पर लगभग छह फीट पानी जमा है. उधर कोल्हापुर जिले के राधानगरी डैम के 6 दरवाजे भी बुधवार को खोल दिए गए. इसके कारण जिले के अंधरूनी इलाके में भी बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है. भारी बारिश और पानी भरने और भूस्खलन के चलते सेंट्रल रेलवे के मुंबई पुणे डिविजन और साउथ वेस्टर्न रेलवे के मिराज और लोंडा सेक्शन पर कई ट्रेनों को रोका गया है, डाईवर्ट किया गया है.
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) ने बाढ़ के चलते अपने आंदोलन को अस्थाई रूप से रोक दिया है.
Bureau Report
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