नईदिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (amit shah) जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) को लेकर उच्च स्तरीय बैठक कर रहे हैं. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (ajit doval), केंद्रीय गृह सचिव के अलावा खुफिया एजेंसियों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं.
राज्य प्रशासन और सेना के अनुसार, नागरिकों पर छिट-पुट आतंकी हमलों और पत्थरबाजी की कुछ घटनाओं के बावजूद कश्मीर घाटी शांतिपूर्ण रही है.
संसद ने 6 अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अंतर्गत जम्मू एवं कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जा को खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया था.
जम्मू कश्मीर में अभूतपूर्व रूप से बढ़ाई गई सुरक्षा
केंद्र के ऐतिहासिक कदम के बाद हिंसा के डर से जम्मू एवं कश्मीर में अभूतपूर्व रूप से सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, जिसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 28,000 अतिरिक्त सैनिक तैनात कर दिए गए थे. तब से प्रतिबंधों को हालांकि काफी हद तक कम कर दिया गया है लेकिन सुरक्षा बलों ने शांति भंग करने के प्रयासों की बड़ी घटनाओं को अंजाम नहीं होने दिया है.
पाकिस्तान कर रहा है बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन
जम्मू एवं कश्मीर के अंतरिक इलाकों में हिंसा सीमित रही हो, लेकिन पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम का बार-बार उल्लंघन करने और आतंकवादियों को भारतीय सीमा में प्रवेश कराने के प्रयासों के कारण नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सैन्य गतिविधि बढ़ी है.
तीस अगस्त तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान 222 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है. इससे पहले संघर्ष विराम का एक महीने में सबसे ज्यादा बार उल्लंघन (296) जुलाई में हुआ था.
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम का ज्यादातर बार उल्लंघन भारत में घुसपैठ कर रहे आतंकवादियों के लिए कवर फायरिंग के उद्देश्य से किया.
Bureau Report
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