नईदिल्ली: INX मीडिया हेराफेरी से जुड़े सीबीआई केस में रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 3 अक्टूबर तक बढ़ाई. चिदंबरम को 14 दिन और तिहाड़ जेल में रहना पड़ेगा. 23 तारीख़ को बेल पर हाईकोर्ट में होनी है सुनवाई. चिदंबरम 5 सितंबर से तिहाड़ जेल में हैं. कोर्ट ने चिदंबरम को बैंक स्टेटमेंट लेने के लिए पीएनबी बैंक मैनेजर को पत्र देने की इजाज़त दी.
उल्लेखनीय है कि चिदंबरम 14 दिनों की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही थी. उधर, चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट में नियमित जमानत लगाई हुई थी जिस पर पिछले दिनों हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इससे पहले उन्होंने विशेष सीबीआई न्यायाधीश अजय कुमार कुहर द्वारा दिए गए न्यायिक हिरासत के आदेश को चुनौती दी थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को अदालत में पेश किया गया था, जहां विशेष सीबीआई न्यायाधीश कुहर ने उन्हें 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया था.
अदालत ने चिदंबरम द्वारा दायर किए अर्जी को भी स्वीकार कर लिया था. इनमें जेड-श्रेणी की सुरक्षा के साथ एक खाट, बाथरूम के साथ एक अलग सेल और दवाओं की अनुमति मांगी गई थी. उन्होंने जेल में पश्चिमी शैली के शौचालय (इंग्लिश टॉयलेट) की भी मांग की थी. उधर, ईडी केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था.कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
सुप्रीम कोर्ट में ईडी की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि अगर चिदंबरम को अग्रिम जमानत सुप्रीम कोर्ट देता है तो उसके विनाशकारी परिणाम होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि इसका सीधा असर विजय माल्या, मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, शारदा चिटफंड, टेरर फंडिंग जैसे मामले पर पड़ेगा.तुषार मेहता ने सबूत दिखाकर बिना गिरफ्तारी पूछताछ की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि जांच कैसे हो, एजेंसी ज़िम्मेदारी से इसका फैसला लेती है. जो आरोपी आज़ाद घूम रहा है, उसे सबूत दिखाने का मतलब है बचे हुए सबूत मिटाने का न्योता देना.
Bureau Report
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