नईदिल्ली: आरबीआई ने बीते दिनों मुंबई के जिस पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के लोन बांटने पर पाबंदी लगाई थी, उसके खिलाफ दर्ज FIR में बड़े खुलासे हुए हैं. बैंक ने बड़े पैमाने पर कंपनियों को लोन बांटा है. यह रकम जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. FIR में 4355 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की बात उजागर हुई है.
4355 करोड़ रु की गड़बड़ी का जिम्मेदार कौन?
इतना ही नहीं FIR में बताया गया है कि सिर्फ एक HDIL को 44 खातों के जरिए लोन बांटा गया. गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद से सिर्फ 10 खातों की जांच हो पाइ है. 44 खातों की रकम छुपाने के लिए 21,049 डमी खाते बने. चौकाने वाली बात यह है कि 21,049 डमी खाते बैंक के CBS से लिंक नहीं किए गए थे. बैंक के एडवांस मास्टर इन्डेंट सॉफ्टवेयर में 44 बड़े खातों के बदले 21049 डमी खाते मिले हैं.
क्यों बने डमी खाते
– RBI की जांच में छोटे-छोटे खातों को पकड़ा नहीं जा सके
– केस में बैंक के बर्खास्त MD जॉय थॉमस व अन्य पर FIR दर्ज़
– FIR में HDIL के प्रमोटर्स, ग्रुप कंपनियों का भी नाम दर्ज़
– पूर्व MD थॉमस के देश छोड़कर जाने पर पाबंदी लगाई गई
– पुलिस ने जॉय थॉमस के खिलाफ लुक आउट नोटिस इश्यू किया.
44 में से 10 खातों की जांच में बकायेदार कौन?
नाम———————बकाया रकम
– राकेश वधावन——-1902.66 करोड़ रुपये
– HDIL——-1306.2 करोड़ रुपये
– सॉमरसेट कंस्ट्रक्शन——-226.29 करोड़ रुपये
– सर्व ऑल कंस्ट्रक्शन——-180.58 करोड़ रुपये
– सैफायर लैंड डेवलपमेंट——-136.54 करोड़ रुपये
– एमरल्ड रियल्टर्स——-114.75 करोड़ रुपये
– आवास डेवलपर्स——-133.01 करोड़ रुपये
– सारंग वधावन——-128.65 करोड़ रुपये
– पृथ्वी रियल्टर्स——-104.44 करोड़ रुपये
– सत्यम रियल्टर्स——-122.34 करोड़ रुपये
अब तक कुल रकम——-4355.46 करोड़ रुपये
HDIL की ओर से दी गई सफाई
– PMC बैंक के एडमिनिस्ट्रेटर को हमने चिट्ठी लिखी है
– एडमिनिस्ट्रेटर से सही तस्वीर रखने के लिए वक्त मांगा
– डिपॉजिटर सही सभी पक्षों के हितों का भला हो ये चाहते हैं
– रियल एस्टेट में मंदी की वजह से टेंपरोरी दिक्कत हो रही
– HDIL के खाते ऑडिटेड हैं और ठीक तरह बने हैं, दिक्कत नहीं
– रेगुलेटर्स, अथॉरिटीज़ के साथ सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार
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