नईदिल्लीः नवरात्रि में मां शक्ति की आराधना की जाती है और मां शक्ति की उपासना के लिए महिलाएं अपने घर के आंगन में ही गरबा खेलती हैं. इसी उपासना के तहत राजपिपला के राजपूत इलाके में पिछले 10 साल से अपनी बेटी अपने आंगन के तहत शेरी गरबा का आयोजन किया जाता है. जहां महिलाएं तलवारों के साथ करतब दिखते हुए गरबा खेलती हैं और माताजी की उपसना करती हैं. तलवार मां शक्ति का शौर्य माना जाता है. इस वजह से मां शक्ति को सबसे ज्यादा मैंने वाला राजपूत समाज तलवार की पूजा करता है.
नर्मदा जिले के राजपूत समाज की महिलाएं तलवार हो हाथों में रखकर मां शक्ति की उपासना करती हैं, यहां की महिलाएं तलवार के साथ कई करतब दिखाते हुए गरबा खेलती हैं, जो की इस इलाके का सबसे बड़ा आकर्षण होता है. आज के नए युग की महिलाएं भी तलवार से खेलती है वाकई यह बात सबको चकित करती है. इन राजपूतानियों ने आज के युग में भी पानी परंपरा को कायम रखा है. इन महिलाओं का कहना है की तलवार राजपूत समाज का शौर्य माना जाता है और मां शक्ति की ताकत तलवार में होती है.
महिलाओं का कहना है कि यह तलवार हाथ में आने के बाद एक अनोखी शक्ति का पूरे शरीर में संचार हो जाता है और तलवार चलाते समय किसी भी तरह का कोई डर महसूस नहीं होता है और मां शक्ति की उपासना में एक अनोखा आनंद मिलता है. आज के युग में जहा महिलाएं अगर महिलाओं को अपनी रक्षा के लिए तलवार भी चलानी पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेंगी और इसी लिए राजपूत समाज की यह महिलाएं आज भी तलवार से उनकी आत्मरक्षा हो सकती है. राजपूत समाज अपनी परंपरा को कायम रखते हुए नारी शक्ति का भी सन्देश दे रहा है.