नईदिल्ली: अफगान तालिबान के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) से मुलाकात की. इसको लेकर अफगानिस्तान ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने कहा, “हम नहीं जानते कि ये तालिबान-पाकिस्तान वार्ता क्यों हो रही है!”
हमारे सहयोगी चैनल WION से बात करते हुए सादिक ने कहा, “स्थायी शांति का समाधान अफगानिस्तान में ही है. पाकिस्तान द्वारा तालिबान की इस तरह की मेजबानी सिर्फ उन्हें अफगान सरकार के खिलाफ हिंसा करने के लिए प्रोत्साहित करती है.”
इस बीच, भारत का कहना है कि वो इस्लामाबाद के इस घटनाक्रम की “बारीकी से निगरानी” कर रहा है.
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शुक्रवार को अपने साप्ताहिक प्रेसवार्ता में कहा, “वैध तरीके से चुनी गई सरकार सहित अफगान सरकार के सभी वर्गों को शांति प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहिए.”
आपको बता दें कि तालिबान पॉलिटिकल कमिशन (टीपीसी) का 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार को अपने पहले दौरे इस्लामाबाद दौरे पर पहुंचा. बैठक में दल की अध्यक्षता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने की.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री खान से मुलाकात की और द्विपक्षीय तथा क्षेत्रीय हालात, खासकर अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के बारे में चर्चा की. एक दिन पहले प्रतिनिधिमंडल ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात की थी. इस दौरान पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी बैठक में मौजूद थे.
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