नईदिल्ली: शहरी विकास मंत्रालय ने 2022 तक नई संसद और सेंट्रल विस्टा को बनाने के लिए डिजाइन का जिम्मा सौंप दिया है. मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार नई संसद या सेंट्रल विस्टा को आने वाले 250 साल के लिए तैयार किया जाएगा. डिजाइन का जिम्मा एचसीएन कॉन्ट्रैक्टर को दिया गया है.
इस तरह किया गया सिलेक्शन
शहरी विकास मंत्रालय की पहली प्री बिड मीटिंग में 24 पार्टिसिपेंट थे, इनमें से पहले 6 को फाइनल किया गया. फाइनल बिडर का सिलेक्शन एक प्रख्यात ज्यूरी के जरिये किया गया. पहली प्री बिड मीटिंग में सलेक्ट किए गए 6 सिलेक्टेड बिडर ने एक डिटेल्ड प्रेजेंटेशन ज्यूरी के सामने रखी. जिसके बाद अंतिम चयन किया गया. इस प्रक्रिया से 18 अक्टूबर को फाइनल बिडर का चुनाव किया गया.
नवंबर 2021 तक सेंट्रल विस्टा के निर्माण का लक्ष्य
अगले चरण में चयनित किया गया बिडर और मंत्रालय पब्लिक कंसलटेशन करेंगे. इस कंसलटेशन में सभी स्टेकहोल्डर भी शामिल होंगे. सरकार का लक्ष्य है कि नवंबर 2021 तक सेंट्रल विस्टा का निर्माण हो और अगस्त 2022 तक नई संसद का निर्माण हो. मोदी सरकार की नीतियों का, कदमों का फायदा दिल्ली की जनता को जबरदस्त तरीके से मिलने जा रहा है.
सरकार के अनाधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने के फैसले से 40 लाख लोगों को फायदा होगा. यही नहीं लैंड पूलिंग पॉलिसी भी सरकार का अहम कदम है. संसद भवन और सेंट्रल विस्टा की कुल कंसलटिंग कॉस्ट 229 करोड़ रुपये होगी.
Bureau Report
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