नईदिल्ली: जम्मू-कश्मीर को आर्टिकल 370 के तहत मिले विशेष राज्य का दर्ज़ा खत्म होने के बाद राज्य में जारी प्रतिबन्धों को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई. जस्टिस रमन्ना ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि आपको सभी सवालों का जवाब देना ही होगा, क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में विस्तार से अपने दलीलें पेश की है, इसलिए आप इस मामले में काउंटर करने से हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते. ऐसी छवि मत बनाए कि आपने इस केस पर ध्यान ना दिया हो.
केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट से कहा गया कि हम जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंध लगाने के खिलाफ याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार हैं.
सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा याचिकाकर्ता की तरफ से बताए गए अधिकांश तथ्य तथ्यात्मक रूप से गलत हैं और हम याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए तमाम सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा जम्मू कश्मीर में हर दिन स्थिति में सुधार हो रहा है. यहां याचिकाकर्ता द्वारा पेश किए गए तथ्य तथ्यात्मक रूप से गलत हैं.
पिछली सुनवाई में दुष्यंत दवे ने कहा था कि 106 दिन से राज्य में प्रतिबंध जारी है. जम्मू-कश्मीर के लोग भी बाकी देशवासियों की तरह भारतीय है. उनको उनके मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता. दवे ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि करीब 10 हज़ार लोगों पर देशद्रोह लगाया है.
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