बिहार: BJP सांसद ने नए संविधान की जरूरत बताकर छेड़ा विवाद, जेडीयू ने किया किनारा

बिहार: BJP सांसद ने नए संविधान की जरूरत बताकर छेड़ा विवाद, जेडीयू ने किया किनारापटना: आज पूरे देश में संविधान दिवस अपने अपने स्तर से अलग-अलग संगठनों द्वारा मनाया जा रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में भी संविधान दिवस के मौके पर संसद से लेकर आम सभागार तक कार्यक्रम आयोजित किए गए तो वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी के सांसद ने संविधान दिवस के मौके पर नए संविधान की जरूरत बताकर राजनीतिक बवंडर खड़ा कर दिया.

26 नवंबर को देश संविधान दिवस मनाता है संसद में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं आम लोग भी अपने स्तर से संविधान पर व्याख्यान आयोजित करते तो वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी सांसद रविंद्र किशोर सिन्हा ने संविधान दिवस के मौके पर देश में नए संविधान की मांग उठा दी है. रविंद्र किशोर सिन्हा ने कहा कि समय-समय पर संविधान में इतने परिवर्तन किए गए हैं कि अब देश को ऐसे संविधान की जरूरत है जिसमें 100 साल तक कोई पाबंद लगाने की जरूरत ना पड़े. 

आर के सिन्हा ने कहा कि आपातकाल के दौरान सेक्यूलरिज्म जैसे शब्दों को चोरी छुपे संविधान में शामिल किया गया था. इन सब विषयों को देखते हुए संविधान की पूरी समीक्षा की जरूरत है.

वहीं, बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू के नेता इस बात से बिल्कुल सहमति नहीं रखते हैं. जेडीयू के सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा है कि संविधान के कारण ही देश की प्रणाली चल रही है. देश संविधान से चलता है और इसमें कहीं कोई कमी नहीं है जरूरत पड़ने पर संशोधन किए जा सकते हैं लेकिन नए संविधान की बात करना कतई और कहीं से मान्य नहीं है. दिनेश चंद्र यादव के मुताबिक संविधान भारत का कई मामलों में अन्य देशों के संविधान से बेहतर है और पूरी संस्थाएं संविधान से ही जुड़ी इसलिए संविधान पर छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं उठता है.

कांग्रेस ने भी इस पूरे विषय पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं का असली चेहरा सामने आ रहा है. बीजेपी आर एस एस की नीति पर चलकर देश में नागपुरिया संविधान लाना चाहती है जिसे किसी भी कीमत पर ते स्वीकार नहीं करेगा और ना ही कोई भी पार्टी इसका समर्थन करेगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि आर के सिन्हा का यह बयान बताता है नागपुर जल्द ही संविधान को लेकर नया शिगूफा छोड़ने वाला है. 

 
Bureau Report

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