नईदिल्ली: महाराष्ट्र में बहुमत परीक्षण को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से अचानक से राज्य में बड़े सियासी बदलाव होना शुरू हो गए है. डिप्टी सीएम अजित पवार के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य की जनता ने बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को बहुमत दिया था. शिवसेना ने नतीजों के बाद ही यह कहना शुरू कर दिया कि दोनों पार्टियों का ढाई ढाई साल का सीएम होगा. लेकिन ऐसा कोई प्रस्ताव चुनाव से पहले नहीं दिया गया था ना ही ऐसा कोई समझौता हुआ था.
अजित पवार ने अपना इस्तीफा मुझे भेज दिया है. हम बीजेपी वाले किसी भी तरह की हॉर्स ट्रेडिंग में शामिल नहीं होंगे. इसलिए अजित दादा के जाने के बाद हमारे लिए कुछ नहीं बचा है. मैं राज्यपाल के पास इस्तीफा देने के लिए जा रहा हूं. बीजेपी किसी तरह की हॉर्स ट्रेडिंग नहीं करेगी, हम किसी भी दल के विधायक को अपनी तरफ लाने का प्रयास नहीं करेंगे. बीजेपी महाराष्ट्र में प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाएगी. पिछले पांच साल में हमने जो काम किया है उससे पता चलता है कि हम जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं.
महाराष्ट्र में आज सत्ता के लोभ के लिए अलग अलग विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आई हैं. आपने देखा
अजित पवार के इस्तीफे के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा का 5 साल के शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होंगे. संजय राउत ने कहा कि पांच साल के लिए एनसीपी कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन से सरकार चलेगी. संजय राउत ने यह भी कहा कि अजित पवार भी हमारे साथ में आएंगे.
वहीं दूसरी तरफ नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद हैं.
बता दें कि महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की एक संयुक्त याचिका पर आदेश दिया है कि कल (बुधवार) शाम 5 बजे से पहले विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हो. सुप्रीम कोर्ट ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करने का भी आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट गुप्त मतदान के जरिए ना हो इसका लाइव प्रसारण भी हो.
जस्टिस रमना ने आज मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि कोर्ट और विधायिका के अधिकार पर लंबे समय से बहस चली आ रही है. लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा होनी चाहिए और लोगों को अच्छे शासन का अधिकार है. इस मामले ने राज्यपाल की शक्तियों को लेकर बहुत अहम संवैधानिक मुद्दे को उठाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक और उत्तराखंड के मामलों को भी जिक्र किया. कल सुबह 11 बजे विधायकों का शपथ ग्रहण हो, शाम 5 बजे तक बहुमत परीक्षण हो. कोर्ट ने कहा कि विधायकों को शपथ प्रोटेम स्पीकर करवाएंगे. कोर्ट ने कहा कि संसदीय परम्पराओं में कोर्ट का दखल नहीं लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए फ़ैसला सुना रहे है.
सरकार को नीतिगत फ़ैसला लेने से रोकन पर कोर्ट ने कुछ नहीं कहा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तत्काल बाद कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि जब तक फ्लोर टेस्ट नहीं होता, तब तक फडणवीस सरकार को नीतिगत फ़ैसला या कोई बडा फ़ैसला लेने पर रोक लगाई जानी चाहिए. कोर्ट ने इसपर कोई आदेश नहीं पारित किया. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी और अजीत पवार व सभी पक्षकारों को 8 सप्ताह का समय इस मुद्दे पर जवाब दायर करने के लिए दिया है कि राज्यपाल के निर्णय की न्यायिक समीक्षा हो सकती है या नहीं. जस्टिस रमना ने कहा कि इस मामले में महाराष्ट्र में बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट का अंतरिम आदेश जारी करना जरूरी है. लोकतांत्रिक मूल्यों को बने रखने के लिए ये जरूरी है, लोगों को अच्छे शासन का अधिकार है.
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि यह आदेश मील का पत्थर साबित होगा. कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि आज संविधान दिवस के मौके पर संविधान की जीत हुई है. मैं मांग करता हूं कि देवेंद्र फडणवीस तुरंत अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपे. बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के स्वागत करते हैं. हमें पूरा विश्वास है कि देवेंद्र फडणवीस बहुमत हासिल करेंगे और यह सरकार पूरे पांच साल चलेगी.
Bureau Report
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