नईदिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. बिल को इसी हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया. वहीं, कांग्रेस ने इस बिल का विरोध करना शुरू कर दिया. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बिल को संविधान का उल्लंघन बताया है.
उधर, सरकार इसी हफ्ते बिल को संसद में पेश करने की तैयारी कर ली है. गुरुवार या शुक्रवार को विधेयक संसद में पेश किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर पूर्वी राज्यों के नेताओं के साथ बिल पर आम सहमति बनाने की कवायद पहले ही पूरी कर ली है.
सूत्रों की मानें तो दो दिन तक शाह ने उत्तर पूर्व के राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य स्टॉकहोल्डर के साथ बैठक की थी. सरकार की कोशिश रही है कि सबको भरोसे में लेकर ही बिल लाया जाए. माना जा रहा है कि अमित शाह की कोशिश से इस बिल का विरोध कर रहे उत्तर पूर्व के कुछ राज्य भी अब सहमत हो गए हैं. हालांकि कांग्रेस की मांग है कि इसमें मुस्लिमों को भी शामिल किया जाना चाहिए.
लेकिन सरकार मानती है कि मुस्लिमों को इसमें शामिल करने से रोहिंग्याओं को भी भारत की नागरिकता मिल जाएगी. जबकि वे घुसपैठिए हैं. सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान या अन्य देशों से आनेवाले हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. यह वर्ग इन देशों में सदियों से पीड़ित हैं.
Bureau Report
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