नईदिल्ली: प्याज़ के बढ़ते दामों पर खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट कर सफ़ाई दी कि बाजार में प्याज की बढ़ी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इस बार मॉनसून में एक महीने की देरी के कारण प्याज की बुवाई में देरी भी हुई और पिछले साल से कम रकबे में बुवाई हुई. जिसके कारण उत्पादन घटा और नई फसल के भी बाजार में आने में देर हो रही है. उन्होंने कहा कि प्याज उत्पादक प्रमुख राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान में काफी ज्यादा बारिश होने के कारण प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है, नतीजतन प्याज का उत्पादन 26% कम हुआ है.
केंद्रीय खाद्य मंत्री ने कहा, ‘लगातार देश के विभिन्न हिस्सों में लंबे समय तक बाढ़ की स्थिति बनी रहने के कारण प्याज की ढुलाई में भी काफी परेशानी हुई, जिसके कारण स्थानीय मंडियों में प्याज पहुंचने में देर हुई और काफी प्याज खराब भी हो गया. बाजार में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने और उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने मूल्य नियंत्रण कोष का इस्तेमाल करते हुए पहली बार प्याज का 57000 टन का बफर स्टॉक बनाया और जिन राज्य सरकारों ने जब और जितने प्याज की मांग की उनको सस्ते दर पर उतना प्याज मुहैया कराया गया’.
उन्होंने बताया कि 29 सितंबर को सरकार ने प्याज के निर्यात पर पूरी तरह रोक लगा दी और इसी दिन प्याज के भंडारण पर स्टॉक लिमिट लगाई गई. स्टॉक लिमिट में दो दिन पहले फिर से संशोधन किया गया है, जिसके तहत थोक विक्रेता 25 टन और खुदरा विक्रेता 5 टन से ज्यादा प्याज नहीं रख सकते. सभी राज्य सरकारों को जमाखोरों और कालाबाजारियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. इसके तहत लगातार छापेमारी की जा रही है और जमाखोरी पर नियंत्रण किया गया है.
उन्होंने आगे बताया कि सरकार खुद भी NAFED और NCCF के जरिए विभिन्न जगहों पर और सफल, केन्द्रीय भंडार, मदर डेयरी आदि के काउंटरों से उपभोक्ताओं को सस्ता प्याज मुहैया करवा रही है. सरकार ने उपलब्धता बढ़ाने के लिए विदेश से प्याज के आयात में कई सुविधाओं और रिआयतों की घोषणा की जिसके कारण प्याज का आयात तेजी से बढ़ा है. MMTC के जरिए सरकार खुद भी आयात कर रही है और निजी आयातकों को भी प्रोत्साहन दिया है. अगले एक हफ्ते में आयातित प्याज बाजार में उपलब्ध हो जाएगा. प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए MMTC ने 6090 टन प्याज इजिप्ट से और 11000 टन टर्की से मंगाया है जो 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच उपलब्ध हो जाएगा. टर्की से और 4000 टन प्याज जनवरी के मध्य तक बाजार में आ जाएगा. इसके अलावा 5-5 हजार टन के तीन नये टेंडर भी निकाले गये हैं.
उधर, देशभर में प्याज के दामों में बेतहाश वृद्धि से मोदी सरकार भी चिंतित है. इसी संदर्भ में आज शाम गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई गई है. मंत्रियों के समूह की इस अहम बैठक में अमित शाह के अलावा केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर मौजूद होंगे. इस बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी भी शामिल होंगे. इस बैठक में प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए तुरंत कदम उठाने पर चर्चा होगी.
प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. आलम यह है कि आम जनता अब प्याज के नाम से भी डरने लगी है. कोलकाता में तो प्याज के दामों में आग ही लग गई है. यहां खुदरा बाजार में 160 रुपए प्रति किलो प्याज बिक रहा है. देश के अन्य राज्यों की बात करें तो दिल्ली-एनसीआर, महाराष्ट्र समेत ओडिशा और आंध्र प्रदेश में प्याज 120 से लेकर 140 रुपए प्रति किलो बिक रहा है.
जानकारी के मुताबिक बुधवार (4 दिसंबर) शाम तक प्याज के दाम 140 रुपए प्रति किलो थे, जो गुरुवार सुबह 20 रुपए बढ़कर 160 रुपए हो गए. वहीं एक बोरे प्याज की कीमत थोक बाजार में 4800 रूपए थी. मंगलवार रात को आंध्र प्रदेश से बंगाल में 21 ट्रक प्याज पहुंचे थे लेकिन बुधवार रात को सिर्फ 11 ट्रक ही पहुंचे जिसके कारण रातों रात प्याज की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला.
पश्चिम बंगाल में प्याज के दाम (प्रति किलो)
कोलकाता- 160 रुपए
मालदा – 120-130 रुपए
बुर्धवान- 150 रुपए
अलीपुरदौर- 120 रुपए
दुर्गापुर- 120-125 रुपए
हुबली- 140 रुपए
नादिया- 120 रुपए
मिल रही जानकारी के मुताबिक मानिकतल्ला बाजार के बाद अब कांकुड़गाछी समेत उत्तर कोलकाता के 5 बाजारों में सब्जी विक्रेताओं ने प्याज न बेचने का फैसला किया है. उधर, खरीदार भी प्जाज खरीदने से बच रहे हैं.
देश में प्याज की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस सांसदों ने आज सुबह 10.30 बजे संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. प्याज का मुद्दा भी संसद में उठाया गया.
Bureau Report
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