जब SC के जज ने कहा, ‘हमारे नजरअंदाज करने के रवैये को कमजोरी नहीं समझा जाए’

जब SC के जज ने कहा, 'हमारे नजरअंदाज करने के रवैये को कमजोरी नहीं समझा जाए'नईदिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के जज अरुण मिश्रा के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास किया है. एसोसिएशन ने मंगलवार को जस्टिस अरुण मिश्रा द्वारा सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकर नारायणन के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की चेतावनी दिये जाने पर चिंता जाहिर की है. प्रस्ताव में कहा गया कि पहले भी बार के सदस्य जस्टिस मिश्रा की व्यक्तिगत टिप्पणी को लेकर अपनी आपत्ति जाहिर कर चुके है. उम्मीद है कि जस्टिस मिश्रा वकीलों से बात करते वक्त थोड़ा और धैर्य का परिचय देंगे.

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हमारे नजरअंदाज करने के रवैये को कमजोरी नहीं समझा जाए. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि सिर्फ आप लोगों से ही नहीं, बल्कि दुनिया में किसी से भी अपनी गलती पर माफी मांग सकता हूं. इस पर सिब्बल ने कहा इसकी जरूरत नहीं है. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि शंकर नारायण मेरी आधी उम्र के हैं और मैं उनसे एक बार नहीं दंडवत् माफी मांगता हूं. सिब्बल ने कहा इसकी जरूरत नहीं है.

जस्टिस मिश्रा ने कहा कि इस महान संस्थान में बार के सदस्यों का अहंकार इसे गलत राह पर ले जा रहा है. सिब्बल ने कहा कि हम सब किसी एक मामले पर एकत्र नहीं हुए हैं. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि इतना हल्ला किया जाता है कि ठीक से सोचना और निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है. जस्टिस शाह ने कहा कि कभी-कभी ऐसा होता है, क्योंकि आप इस बात को नहीं जानते हैं कि हम किस दबाव में हैं.

जस्टिस मिश्रा ने कहा कि कल दवे और भूषण ने इतनी अच्छी तरह से बहस की. उन्होंने 3 दिन तक पुनर्विचार याचिका पर बहस की…क्या मैंने कुछ कहा? जस्टिस मिश्रा ने गोपाल शंकर नारायण के बारे में कहा कि वह एक होनहार वकील हैं…मैंने उनसे कहा कि वकील का नाम न लें… मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे पढ़ने के दौरान टिप्पणी न करें… सिब्बल – इन बातों में नहीं जाएं. इस पर एसजी ने कहा कि उनमें से सभी मुझसे छोटे हैं…मैं उनकी भावना को प्रतिध्वनित करता हूं.

Bureau Report

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