नईदिल्ली: 31 दिसंबर की रात को गोरखपुर के सांसद रवि किशन के पिता श्याम नारायण शुक्ला का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह कई महीनों से बीमार थे. उनका इलाज मुंबई के अस्पताल में चल रहा था, लेकिन तबीयत में सुधार न होता देख पिता ने वाराणसी में अपना शरीर त्यागने की इच्छा जताई थी. उन्हें 15 दिन पहले ही वाराणसी लाया गया था.
ट्वीट करके दी थी सूचना
पिता के निधन की सूचना रवि किशन ने ट्वीट करके दी. उन्होंने लिखा कि कल रात्रि 11 पहर मेरे गुरू भगवान पिता पंडित श्यामनारायण शुक्ला जी का वाराणसी में स्वर्गवास हो गया. आज अंतिम संस्कार मणिकर्णिकाघाट पर होगा.
वाराणसी में देह त्यागने इच्छा इसलिए जताई
जानकारी के मुताबिक- रवि किशन के पिता शिव की अराधना करते थे इसलिए उन्होंने वाराणसी में देह त्यागने की इच्छा जताई थी. पिता-पुत्र के रिश्तों की बात करें तो रवि किशन ने अपने पिता को ही अपना गुरू माना. उनके बताए मार्ग पर चलते हुए वह फिर चाहे सिनेमाजगत हो या फिर राजनीति में एक मुकाम हासिल कर रहे हैं.
पिता चाहते थे डेयरी का बिजनेस करूं
रवि किशन मूल रूप से जौनपुर क रहने वाले थे. रवि किशन ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनते पिता का डेयरी का बिजनेस था, जो बंद हो गया था और वे चाहते थे कि मैं उसे शुरू करूं. मुझे एक्टिंग का शौक था तो मेरी मां ने मुझे 500 रुपये दिए थे, जिसके बाद मैं जौनपुर से मुंबई चला आया.
रवि किशन ने बताया -पिता पिटाई न करते तो आज नशेड़ी होता
रवि किशन ने बताया था कि उनके पिता का मानना था कि मेरा जन्म ईश्वर के आशीर्वाद से हुआ. पिताजी ने अगर मेरी पिटाई नहीं की होती तो मैं एक नशेड़ी होता. रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की सीख उन्होंने ही मुझे दी. पिताजी के कारण ही मैं भी अध्यात्म से जुड़ा रहा.
Bureau Report
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