नईदिल्ली: नए साल का आगाज हमेशा हर्षोल्लास के साथ किया जाता है. लेकिन इसी खुशनुमा समय की एक चौंकाने वाली बात भी है. हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा मामले जनवरी के पहले हफ्ते में ही सामने आते हैं. देश के तमाम जाने माने दिल के डॉक्टर भी मानते हैं कि सबसे ज्यादा दिल के दौरे दिसंबर के आखिरी और जनवरी के पहले हफ्ते में होते हैं. दुनिया के तमाम बड़े शोधों में भी साबित हुआ है कि जनवरी का पहला हफ्ता दिल के लिए बेहद खतरनाक होता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर?
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल के डायरेक्टर और मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अशोक सेठ का कहना है कि जनवरी के पहले हफ्ते में हार्ट अटैक बढ़ने की ठंड ही है. इसका साइंटिफिक वजह ये है कि इस मौसम में आर्टरीज सिकुड़ जाते हैं. इससे दर्द शुरू हो जाता है और खून भी जमने लगता है. आर्टरीज में कलॉटिंग यानी खून के थक्के बनने की वजह से हार्ट अटैक हो जाता है. हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. अपर्णा जसवाल के मुताबिक दिसंबर और जनवरी में ठंड में त्वचा सिकुड़ने लगती है. ऐसे ही खून की नसें भी सिकुड़ती हैं और हार्मोनल बदलाव भी होते हैं. इनके कारण ब्लड प्लेटलेट्स भी चिपकने लगते हैं. ऐसी अवस्था में जिनको हार्ट की तकलीफ़ नहीं है उनको भी ये होने की संभावना रहती है.
अंतराष्ट्रीय रिसर्च ने साबित किया – सर्दी में होते हैं सबसे ज्यादा हार्ट अटैक
स्वीडन में एक संस्था ने 1998 से लेकर 2013 तक 2.80 लाख मरीज़ों पर एक सर्वे किया. लगभग साल भर के आंकड़ो के आधार में शोध में बताया गया है कि क्रिसमस और नए साल के दौरान हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा मामले सामने आए. ये शोध स्वीडन की ज़रुर है लेकिन भारतीयों पर भी फिट बैठ रही है. दिल्ली समेत देश के अस्पतालों में इस दौरान दिल के मरीज़ों की संख्या बढ़ रही हैं.
इन लोगों को है खतरा हार्ट अटैक का…
दिल के मरीज़ों के अलावा ऐसे लोग
जिनका ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है
स्मोकिंग करने वाले लोग
50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को
क्या हैं बचाव?
राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. मौसम 1 डिग्री या उससे भी नीचे जा रहा है. ऐसे में आपको ठंड के मौसम में सावधान रहने की जरुरत है. अगर बिना वजह सीने में दर्द हो, सांस फूल रही हो और 20 मिनट तक सीने में दर्द रहे तो सावधान हो जाएं. ऐसे लक्ष्ण होने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें. साथ ही सर्दी के मौसम में वर्कआउट बहुत ज़रुरी है. कसरत शरीर का तापमान बढ़ाने में मदद करती है लेकिन हैवी वेटलिफ्टिंग जैसे वर्कआउट से बचना चाहिए. जिन मरीज़ों को सैर करने की सलाह दी गई है, वो धूप में सैर करें तो बेहतर होगा. सुबह के वक्त तापमान सबसे कम होता है, सुबह की सैर से बचना चाहिए.
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