सिडनी: ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में पिछले नवंबर से लगी भीषण आग, दमघोंटू वातावरण और जल संकट की वजह से स्थानीय प्रशासन ने 10 हजार ऊंटों को मारने का फैसला किया है. प्रशासन के मुताबिक जंगल में लगी भीषण आग की वजह से ऊंट रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं. आग के कारण आस-पास की तपिश की वजह से ये ऊंट अत्यधिक पानी पी रहे हैं. पहले से ही जल संकट से जूझ रहे इलाकों में इस कारण बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है. इस कारण प्रशासन ने आज से पांच दिवसीय अभियान का आगाज किया है. इस काम को अंजाम देने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जाएगा.
जिन इलाकों में ऐसा किया जा रहा है वहां पर ऑस्ट्रेलिया की आदिम जातियां रहती हैं. ये इलाका दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के रिमोट उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इस मामले में स्थानीय प्रशासन का कहना है कि आग के कारण हम यहां गर्म और मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. हम पहले से ही अपने घरों में फंसे हुए हैं. जल संकट के कारण लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए एसी से निकलने वाली पानी को एकत्र करते हैं. ये ऊंट हमारे घरों तक पहुंचकर पानी नहीं मिलने पर एसी से निकलने वाले पानी तक को पी जा रहे हैं. इन विषम परिस्थितियों को देखते हुए ये फैसला किया गया है.
ऊंटों की हत्या की योजना ऐसे वक्त बनाई जा रही है जब सिडनी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक जंगलों में लगी आग के कारण एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए हैं और करीब पांच करोड़ जीव-जंतुओं को या तो विस्थापित होना पड़ा है या वे मारे गए हैं.
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स के जंगलों में लगी आग से हालात काफी गंभीर हो गए हैं. पिछले साल अक्टूबर-नवंबर से लगी कारण अब तक 16 लोग जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग घर छोड़कर सुरक्षित जगह पर शरण लेने को मजबूर हुए हैं. आग की तपिश को पड़ोसी देश न्यूजीलैंड तक महसूस किया जा रहा है.
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