वाराणसी: 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती मनाई जाएगी. इस मौके पर वाराणसी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर बनाए गए मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा. जिले में आजाद हिंद मार्ग स्थित सुभाष भवन में आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार मंदिर का उद्घाटन करेंगे.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के अवसर पर मंदिर को आम जनता के लिए खोला जाएगा. बताया जा रहा है कि बोस के नाम पर बने इस मंदिर की महंत एक दलित महिला होंगी. रोज सुबह आरती कर भारत माता की प्रार्थना के साथ मंदिर का पट खुलेगा और उसी के साथ रात्रि भारत माता की प्रार्थना कर मंदिर का पट बंद कर दिया जाएगा.
ऐसा होगा मन्दिर का स्वरूप
सुभाष भवन के बाहरी हिस्से में 4/4 स्क्वॉयर फिट के क्षेत्रफल में बोस के नाम पर मंदिर बनाया गया है. इस मंदिर की ऊंचाई 11 फिट है. जिसमें सुभाष चंद्र बोस की आदम कद प्रतिमा स्थापित की गई है. प्रतिमा का निर्माण ब्लैक ग्रेनाइट से किया गया है. मंदिर की सीढ़ियों, आधार और प्रतिमा को खास रंग दिया गया है. सीढ़ी का रंग लाल और आधा सफेद है.
मंदिर की स्थापना करने वाले बीएचयू के प्रोफेसर डॉक्टर राजीव बताते हैं कि, लाल रंग क्रांति का प्रतीक, सफेद शांति का और काला शक्ति का प्रतीक है. क्रांति से शांति की ओर चलकर ही शक्ति की पूजा की जा सकती है.
मन्दिर बनाने के पीछे क्या है उद्देश्य
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को बनाने के पीछे लोगों के मन में देश प्रेमी की भावना को जागृत करना है. इसी के साथ लोगों को मंदिर में नेताजी से जुड़े इतिहास को पढ़ने का मौका मिलेगा. आरएसएस का कहना है कि मंदिर से लोगों के मन में देश प्रेम की भावना पहुंचेगी.
आपको बता दें कि, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े नेता सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक शहर में हुआ था. 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती मनाई जाएगी.
Bureau Report
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