नईदिल्ली: शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन की वजह से बंद पड़ी सड़क को खाली कराने की मांग करने वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान कहा कि विरोध प्रदर्शन की वजह कितनी भी सही क्यों न हो सड़क को ऐसे ब्लॉक करना ठीक नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘आज प्रोटेस्ट यहां हो रहा है, कल कहीं और होगा, अगर ऐसे ही जारी रहा तो शहर के विभिन्न इलाके ब्लॉक हो जाएंगे.’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समाज का एक हिस्सा किसी कानून से सहमत नही है. लेकिन यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है, हम धरने पर कुछ नही कह रहे है.
और क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
– सवाल यह है कि क्या पब्लिक एरिया धरने के लिए इस्तेमाल हो सकता है या नहीं
-प्रदर्शन इस तरह से होना चाहिए कि सड़क को ब्लॉक न किया जाए
-चिंता इस बात को लेकर है कि अगर इस तरह सड़क या सार्वजनिक स्थान को ब्लॉक किया जाने लगा तो दिक्कत होगी
-लोकतंत्र लोगों कि अभिव्यक्ति से ही चलता है लेकिन इसकी एक सीमा है
-आज प्रोटेस्ट यहां हो रहा है, कल कहीं और होगा, अगर ऐसे ही जारी रहा तो शहर के विभिन्न इलाके ब्लॉक हो जाएंगे
-इस तरह सड़क को बंद करके प्रदर्शन करने से दूसरे लोगों को भी आइडिया आएगा और वो भी ऐसा करेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने समस्या के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को वार्ताकार नियुक्त किया. मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी.
गौरतलब है कि शाहीन बाग में 15 दिसंबर से सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है और तभी से दिल्ली एक प्रमुख सड़क बंद पड़ी है.
बता दें वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी और बीजेपी नेता नंद किशोर गर्ग की तरफ से याचिका दायर की है. उनकी तरफ से शाहीन बाग के बंद पड़े रास्ते को खुलवाने की मांग की गई है.
इसके अलावा याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस पूरे मसले में हिंसा को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज या हाईकोर्ट के किसी मौजूदा जज द्वारा निगरानी की जाए. साथ ही नंद किशोर ने इसके लिए दिशा निर्देश जारी करने की मांग की है.
Bureau Report
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