सीकर: विदेश जाने के लिए पासपोर्ट बनवाने में अब ज्यादा माथा-पच्ची नहीं करनी पडेग़ी। ना ही पासपोर्ट के लिए दस्तावेजों का पुलिंदा हाथ में लिए घूमना होगा। बस जन्मतिथि लिखा महज एक दस्तावेज आपका पासपोर्ट बनवा देगा।
विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया को और अधिक सरल, सुगम और पारदर्शी बनाने के लिए नये बदलाव लागू किए हैं। जिनके आधार पर विदेश की सैर करने के लिए अब पासपोर्ट बनाना बिल्कुल आसान हो गया है।
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी विवेक जैफ ने बताया कि अब तक 26 जनवरी 1989 के बाद जन्मे सभी आवेदकों को पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म-मृत्यु पंजीयक द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य था। लेकिन, अब विदेश मंत्री की घोषणा व नए संशोधन लागू कर दिए जाने के बाद अब किसी भी आठ तरह के दस्तावेजों में कोई भी एक कागज साथ लाने पर उसका पासपोर्ट बना दिया जाएगा।
आवेदक आधार कार्ड, पेन कार्ड, सेवा रिकार्ड या पीपीओ ऑर्डर, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता फोटो पहचान पत्र, पॉलिसी बोंड जिसमें जन्म तिथि अंकित हो। इनमें कोई भी एक दस्तावेज देने पर उसका पासपोर्ट बन जाएगा।
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी विवेक जैफ के अनुसार अनाथ बच्चे भी पासपोर्ट बनवाने के लिए शिशु गृह के सरकारी लेटर हैड पर अपनी जन्म तिथि अंकित करवा कर अपना पासपोर्ट बनवा सकेंगे। इसके अलावा एकल अभिभावक के बच्चे के पासपोर्ट में केवल एक माता-पिता में किसी अभिभावक का नाम ही दर्ज करवाना होगा।
विवाहित आवेदकों को विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। तलाक शुदा व परित्यक्त आवेदक को आवेदन फार्म में पति व पत्नी का नाम दर्ज कराने की जरूरत नहीं होगी। गोद लिए गए बच्चों के पासपोर्ट आवेदन में पंजीकृत गोदनामा लगाना नहीं होगा। राजकीय सेवक को भी तत्काल पासपोर्ट की खातिर एनओसी नहीं देनी होगी।
विभाग के वैरिफिकेशन कागज के आधार पर उसका काम हो जाएगा। साधू सन्यासी भी अब अपने माता-पिता की जगह अपने गुरु का नाम पासपोर्ट में दर्ज करा सकेंगे। बशर्ते उसके मतदाता पहचान पत्र, पेन कार्ड व आधार कार्ड में उसके गुरु का नाम दर्ज होना चाहिए।
नियमों में ढ़ील का फायदा फर्जीवाडे़ को भी बढ़ाएगा। क्योंकि महज एक जन्म तिथि लिखे दस्तावेज से आवेदक की सही पुष्टि नहीं की जा सकेगी। विदेश जाने के दौरान दूसरे दस्तावेज में यदि जन्म तिथि अलग दर्शाई मिली तो उसकी यात्रा संकट में आ जाएगी। हालांकि पासपोर्ट अधिकारी भी फर्जीवाडे़ की आशंका से अनभिज्ञ नहीं है। लेकिन, उनका कहना है कि इसमें पासपोर्ट ऑफिस का कोई भूमिका नहीं रहेगी। पकडे़ जाने पर पुलिस इसकी जांच करती रहेगी।
सहायक पासपोर्ट अधिकारी बाबूलाल मीना व पासपोर्ट सेवा केंद्र के मेनेजर शिव तिवारी ने बताया कि सीकर स्थित पासपोर्ट कार्यालय में एक महीने में करीब 18 हजार पासपोर्ट बनते हैं। नियमों में ढ़ील मिलने के बाद इनकी संख्या डेढ़ से दो गुना हो जाएगी।
Bureau Report
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