चेन्नई: आज से चार साल पहले जिस शशिकला को जयललिता ने पार्टी और घर से बाहर निकाल दिया था, वह आज अम्मा की असली उत्तराधिकारी बन गईं। सम्भावना थी कि पार्टी की कमान शशिकला के हाथ में रहेगी, आज पार्टी ने शशिकला को महासचिव के पद पर बिठा दिया। यह फैसला गुरुवार को हुई पार्टी की जनरल बॉडी मीटिंग में हुआ।
एआईएडीएमके में महासचिव का पद ही सर्वोच्च होता है, जयललिता इससे पहले पार्टी की महासचिव थीं। भले ही जयललिता की मौत के बाद पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन पार्टी की असली बागडोर शशिकला के हाथ ही रहा, आज उसकी भी खानापूर्ति हो गई। शशिकला को तमिलनाडु की राजनीति में दूसरी सबसे दमदार महिला माना जाता है।
शशिकला का जन्म तंजौर जिले के मनारगुड़ी में हुआ, वहीं उन्होंने स्कूल की पढ़ाई की। शशिकला की शादी तमिलनाडु सरकार में पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर रहे नटराजन से हुई। फिल्मों की शौकीन रहीं शशिकला कभी वीडियो शॉप चलाया करतीं थीं। नटराजन ने कडलोर जिले की कलेक्टर वीएस चंद्रलेखा के साथ कभी काम किया वहीं शशिकला जयललिता के करीब आईं। दोनों की दोस्ती इतनी परवान चढ़ीं कि 1988 में शशिकला जयललिता के घर पर ही उनके साथ रहने लगीं।
शशिकला ही तय करतीं थीं कि जया किससे मिलेंगी, पार्टी से लोगों को निकालना और रखना सबके पीछे शशिकला का हाथ होता था। यहां तक कि नाराज जया ने शशिकला के घरवालों को अपने घर से बाहर तक कर दिया था। लेकिन, शशिकला के सार्वजनिक रूप से मांफी मांगने पर दोबारा अपने घर में जगह दी। सिर्फ घर में ही नहीं बल्कि राजनीति में शशिकला की वापसी हुई।
Bureau Report
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