नईदिल्ली: बीजेपी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का ‘केजरीवालीकरण’ हो जाने का कटाक्ष करते हुए उनसे बुधवार को पूछा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के शासनकाल में 12 लाख करोड़ रुपए के घोटालों का ‘मोटा माल’ किसने खाया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं मीडिया विभाग के प्रमुख श्रीकांत शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मोदी गांवों, गरीबों और किसानों के कल्याण के लिए दिन रात मेहनत कर हैं और उनकी लड़ाई काले धन वालों, नकली मुद्रा वालों, तस्करों, भ्रष्ट एवं कुशासन देने वालों के खिलाफ है। इससे राहुल गांधी को क्या तकलीफ है।
उन्होंने कहा कि मोदी चाहते हैं कि गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कें और संचार व्यवस्था मजबूत हो। उसके लिए वह दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं। श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी को इधर-उधर की बात करने की बजाय यह बताना चाहिए कि उनकी नाक के नीचे 10 साल तक घोटाले होते रहे। 1.76 लाख करोड़ रुपए का टू-जी घोटाला, 1.86 लाख करोड़ रुपए का कोयला घोटाला, 72 हजार करोड़ रुपए का राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला आदि 12 लाख करोड़ रुपए के घोटालों का मोटा माल किसने खाया।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जब देखो तब अडानी और अंबानी का नाम लेते हैं। संप्रग सरकार ने ही उनका 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ क्यों किया था। वर्ष 2012 में जब भारतीय स्टेट बैंक विजय माल्या के खाते सील कर दिए थे तब यूपीए सरकार ने ही उसे 1500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज क्यों दिया था।
भाजपा नेता ने कहा कि स्विस बैंक के खाताधारकों की सूची 2011 में ही आ गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इन खाताधारकों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया जाए लेकिन कांग्रेस ने तीन साल तक एसआईटी गठित नहीं की। राहुल गांधी स्विस बैंक के खाताधारकों के नाम सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं तो उन्होंने तीन साल तक नाम क्यों उजागर नहीं किये।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण हुई लोगों की मौतें दुखद हैं और पार्टी इस बारे में संवेदनशील है लेकिन कांग्रेस मौतों पर राजनीति कर रही है। राहुल गांधी को बताना चाहिए कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में ढाई लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है तो इसकी जिम्मेदारी क्या राहुल गांधी नहीं लेंगे।
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राहुल गांंधी को लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए। उनकी जुबान जहरीली हो गई है और उनका केजरीवालीकरण हो गया है। वह चारों ओर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने संसद नहीं चलने दी ताकि उनके झूठ का पर्दाफाश नहीं हो जाए। राहुल प्रधानमंत्री पर झूठे आरोप लगाने का इतिहास रहा है। चर्च हमले, फरीदाबाद दलित घटना आदि के समय लगाए गए आरोप झूठे साबित हो चुके हैं, पर उनको उसका कोई खेद नहीं है।
गौरतलब है कि इससे पहले राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर नोटबंदी को लेकर बड़ा हमला बोला था और कई सवाल दागे थे।
Bureau Report
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